मिशन इंसानियत : संवरने लगे शिक्षा के मंदिर

घरों के साथ-साथ स्कूलों का भी पुर्ननिर्माण कर रहे शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार


पूज्य गुरू जी ने अपने पावन कर कमलों से रखी विद्यालय की नींव
श्री रणभुवनेश्वरी उच्च माध्यमिक विद्यालय का पुर्ननिर्माण शुरू
श्री शहीद जगत प्रकाश जंग शाह सांस्कृतिक माध्यमिक विद्यालय की मुरम्मत जारी
निर्माण कार्यों में जुटे 400 से अधिक सेवादार

संदीप कम्बोज
देवीघाट। नेपाल में बरपी कुदरती तबाही के बाद मुश्किल की घड़ी में डेरा सच्चा सौदा पीड़ितों का सहारा बना हुआ है। भुकंप से मलबे में तब्दील हो चुके मकानों के साथ-साथ स्कूलों का भी पुर्ननिर्माण जारी है। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार को देवी घाट स्थित श्री रणभुवनेश्वरी उच्च माध्यमिक विद्यालय के पुनर्निर्माण की अपने पावन कर-कमलों से नींव रखी। इस विद्यालय में 10 नए कमरे बनाने के साथ-साथ स्कूल की पूरी मुरम्मत भी की जाएगी। वहीं जालपा पीठ के श्री शहीद जगत प्रकाश जंग शाह सांस्कृतिक माध्यमिक विद्यालय भी सेवादारों द्वारा मुरम्मत का कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है।
 स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष प्रेम प्रसाद रिमाल ने बताया कि 25 अप्रैल को आए भूकंप में स्थानीय श्री रणभुवनेश्वरी उच्च माध्यमिक विद्यालय पूरी तरह नष्ट हो गया था। बच्चों के पढ़ने के लिए कोई व्यवस्था नहीं बची थी। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन व देवीघाट निवासियों ने डेरा सच्चा सौदा से स्कूल के पुर्ननिर्माण का आग्रह किया। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए व बच्चों के भविष्य को देखते हुए तुरंत प्रभाव से सेवादारों को स्कूल निर्माण कराने के आदेश दिये।
    उन्होंने बताया कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा स्कूल में 10 नये कमरें बनाने के साथ-साथ सभी कमरों की मुरम्मत भी की जाएगी। पूज्य गुरू जी के पावन दिशा-निर्देशन में 400 से अधिक सेवादार स्कूल निर्माण कार्य में जुट हुए हैं। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष व समस्त स्टाफ द्वारा इस सेवा कार्य के लिए पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां व सेवादारों का तहेदिल से धन्यवाद किया।
   


गजब है सेवा का जज्बा
भूकंप में स्कूल ध्वस्त होने से मेरा मनोबल टूट गया था, उम्मीद नहीं थी कि कभी स्कूल का पुर्ननिर्माण होगा। पूज्य गुरू जी द्वारा बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल का कार्य युद्ध स्तर पर निर्माण करवाया जा रहा है। मैं पूज्य गुरू जी व उनके अनुयायियों का धन्यवाद करता हूं। हमारे देश की सहायता करने के लिए तो बहुत से देश व संस्थाएं पहुंच रही हैं लेकिन सेवा का जो जज्बा डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों में हैं ऐसा मंैने कहीं नहीं देखा। सभी अध्यापक व बच्चे पूज्य गुरू जी को शत-शत नमन करते हैं,नमस्ते करते हैं।
कृष्ण प्रसाद, प्राचार्य
श्री रणभुवनेश्वरी उच्च माध्यमिक विद्यालय, देवीघाट


पूज्य गुरू जी को कोटि-कोटि नमन
नेपाल में भूकंप से भारी विनाश हुआ है, ऐसे में देश की सरकार द्वारा विद्यालय का पुनर्निर्माण जल्द संभव नहीं था। डेरा सच्चा सौदा द्वारा हमारे स्कूल का निर्माण कर बहुत बड़ा उपकार किया है। हम पूज्य गुरू जी के हमेशा ऋणी रहेंगे। ऐसे महान संत जो हजारों किलोमीटर से चल कर हमारी मदद करने पहुंचे हैं हम इन्हें कोटि-कोटि नमन करते हैं।
रामप्रकाश रिमाल, सदस्य
मैनेजमेंट कमेटी एवं इंग्लिश अध्यापक



मेरे पास शब्द नहीं
बच्चों के भविष्य हेतू डेरा सच्चा सौदा द्वारा जो कदम उठाये गए हैं, वह बहुत ही अच्छा है। मैं ऐसा पहली बार देख रही हूं कि कोई संत, फकीर इतनी दूर से आकर पीड़ितों का दु:ख दर्द दूर कर रहे हैं। बस प्रणाम, नमस्ते ही बोल सकती हूँ और मेरे पास कोई शब्द नहीं है।
उमा शिलवाल,प्राचार्या
सामुदायिक विद्यामंदिर, देवीघाट



जिंदगीभर नहीं उतार सकते कर्ज
पूज्य गुरू जी द्वारा स्कूल का पुनर्निर्माण हमारे लिए संजीवनी की तरह है। बच्चों का भविष्य शिक्षा पर ही निर्भर करता है। पूज्य गुरू जी ने स्कूल का पुनर्निर्माण व मुरम्मत करवाकर देवीघाट वासियों पर उपकार किया है जिसका कर्ज हम जिंदगी भर नहीं चुका सकते।
रमेश प्रसाद लामिछाने
गणित अध्यापक


नमस्ते-नमस्ते,बहुत-बहुत नमस्ते
हमारा स्कूल गिर गया,हमें बहुत दु:ख हुआ, हमारी पढ़ाई रूक गई। अब बाबा जी द्वारा हमारे स्कूल को फिर से नया बनाया जा रहा है। हम बाबा जी के चरणों में नमस्ते करते हैं। अब हम फिर से स्कूल में पढ़ने जा पाएंगे। नमस्ते, नमस्ते, बहुत-बहुत नमस्ते।
शगुण हथियोड़ा व सौरभ श्रेष्ठ
विद्याथी, 7 क्लास




मदद के लिए पूज्य गुरू जी का आभार
डेरा सच्चा सौदा द्वारा भूकंप पीड़ितों की जो मदद की जा रही है, नेपाल सरकार इसके लिए पूज्य गुरू जी का धन्यवाद करती है। भूकंप पीड़ितों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए गुरू जी के साथ जो दो मोबाइल हस्पताल (फरिश्ता व नन्हा फरिश्ता) हैं, ये बहुत ही अद्भुत हस्पताल हैं। ऐसे हस्पताल मैंने पहली बार देखे हैं जो खुद मरीजों के पास चल कर आए। डेरा सच्चा सौदा से नेपाल भूकंप में घायल लोगों की मदद के लिए 5 एम्बूलेंस, विशेषज्ञ चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ जो सेवाएं दे रहे हैं काबिल-ए-तारीफ है। पूज्य गुरू जी व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों का तहेदिल से आभार।
खगराज अधिकारी
स्वास्थ्य मंत्री, नेपाल सरकार 
 
 



यहां चला राहत अभियान
नूवाकोट जिले के गांव पिपलटार, देवीघाट, मंदरीढूंगा, मुंथला, रातमाटे व जिलिंग में घर-घर जाकर लोगों को राहत सामग्री वितरित की गई। लोगों राहत सामग्री पहुंचाने व उन्हें टैंट लगाकर देने के अतिरिक्त सार्वजनिक स्थल, स्कूलों का भी डेरा सच्चा सौदा द्वारा पुर्ननिर्माण किया जा रहा है।


सड़क दुर्घटना में घायल का किया ईलाज
विधुर। सड़क दुर्घटना में घायल लोगों का डेरा सच्चा सौदा द्वारा लगाए गए चिकित्सा कैंप में नि:शुल्क ईलाज किया गया। देवीघाट से लगभग 10 किलोमीटर दूर तारूका गांव में टाटा सूमो गढ्ढे में गिर गई जिसमें सवार 9 लोग घायल हो गए।
    शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को तुरंत डेरा सच्चा सौदा द्वारा स्थापित मेडिकल कैंप में भर्ती करवाया। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा घायलों को उपचार किया गया।
उल्लेखनीय है कि भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा देवीघाट के सांस्कृतिक विद्यालय में स्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है। जिसें में मरीजों का लगातार इलाज जारी है। कैंप में अब तक 1062 मरीजों का इलाज हो चुका है। इसके अतिरिक्त चिकित्सक टीम के साथ 5 एम्बूलैंस भी उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों का उपचार किया जा रहा है। चिकित्सकीय दल में सर्जन डॉ. स्वप्निल इन्सां, डॉ. पीआर नैन, डॉ. आदित्य इन्सां, डॉ. दिनेश इन्सां, डॉ. मोहित इन्सां, डॉ. राहुल इन्सां सहित पैरामेडिकल स्टाफ के 40 सदस्य भी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

                       तबाही के मंजर में आशा की किरण

संदीप कम्बोज 

पूज्य गुरुजी के आशीष वचनों का दिखा असर, प्रभावितों ने वहीं बसे रहने का लिया संकल्प

भूकंप की त्रासदी झेल रहा नेपाल ... जिस पर कभी प्रकृति मेहरबान थी आज वही प्रकृति उसे ऐसा दर्द दे गई, जिसकी भरपाई वर्षोंं तक नहीं हो सकती। अब हर तरफ सिर्फ और सिर्फ तबाही का मंजर है तिनकों की तरह बिखरे घर ... दर्द से कराहते चेहरे और मदद के लिए पुकारते हाथ ... ये मंजर है त्रासदी का शिकार हुए नेपाल का। जिस सुंदर नेपाल को देखने के लिए विश्वभर से लाखों पर्यटक आते थे आज वह दर्द से कराह रहा है। मुसीबत की इस घड़ी में विश्व के सभी देश मददगार बने हुए हंै। पडोसी देश होने के नाते भारत ने नेपाल के प्रति बड़े भाई का जो दायित्व निभाया है वो काबिले तारीफ है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश के दु:ख को अपना दु:ख बतलाया। मुसीबत की इस घड़ी में सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा ने एक बार फिर मददगार के रूप में विशेष भूमिका अदा की है। 1000 से अधिक सेवादारों के साथ स्वयं पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों में प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। प्रभावितों को राशन, दवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रोगों की जांच कर रही है। सेवादार उनके क्षतिग्रस्त मकानों व बंद हुए रास्तों को दुरूस्त करने में तन्मयता से जुटे हुए हैं। भूकंप में अपना सब कुछ गंवाने के बाद निराश हो चुके नेपालवासियों के लिए पूज्य गुरुजी का आगमन घनघोर अंधेरे में आशा की नई किरण के समान हुआ है। पूज्य गुरु जी प्रभावितों का दुख दर्द जान रहे हैं। गांव में एक साथ सैंकड़ों सेवादारों को देखकर हर कोई हैरान है कि ये फरिश्ते कहां से आ गए ? जो उनके लिए राशन, दवाएंं, टेंट इत्यादि सामान लेकर आए हंै।


यूं चल रहा है राहत अभियान

 नेपाल में प्रभावितों तक मदद पहुंचाने के लिए डेरा सच्चा सौदा को नूवाकोट जिला का दायित्व सौंपा गया है। देवीघाट के समीप ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से जिम्मेदार सदस्य स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से प्रभावित गांवों की लिस्ट बनाते हैं। जिसके बाद डेरा की टीम वहां पहुंचकर सर्वे करती है तथा आवश्यकता की चीजों की सूची बनाती है। सर्वे के बाद टीम राहत सामग्री लेकर वहां पहुंच जाती है तथा पूज्य गुरुजी के दिशा-निर्देश अनुसार घर-घर जाकर राहत सामग्री बांटना, बीमारों का इलाज करवाना, प्रभावितों के लिए घर बनाना, टेंट की व्यवस्था करना इत्यादि कार्य कर रही है। नेपाल के नूवाकोट जिले के गांव पिपलटार, देवीघाट, मंदरीढूंगा, मुंथला, रातमाटे व जिलिंग इत्यादि में अजब नजारा देखने को मिल रहा है। जहां एक दो पांच दस नहीं बल्कि सैकड़ों सेवादार अपने सिर पर राहत सामग्री से भरा डिब्बा लिए  डोर टू डोर जाकर पीड़ितों की मदद कर रहें हैं।

अपना देश अपना देश होता है : पूज्य गुरु जी
भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल वासियों के जख्मों पर डेरा सच्चा सौदा सहायता रूपी मरहम लगा रहा है वहीं पूज्य गुरुजी अपने वचनों के माध्यम से पीड़ितों का दु:ख हल्का कर रहे हैं। स्वयं अपने कर कमलों से पीड़ितों के लिए टेंट की व्यवस्था करना, जख्मी लोगों के स्वास्थ्य को जानना, खाद्य सामग्री वितरित करने एवं पीड़ितों को गम से उभारने में जुटे पूज्य गुरुजी को देखकर प्रभावितों की आंखे छलक उठती हैं और हाथ स्वत: ही जुड़ जाते हंै। पूज्य गुरुजी प्रभावितों को समझाते हुए फरमाते हैं कि इंसान के वश में कुछ नहीं... जो कुछ होता है वो परमपिता परमात्मा की इच्छा से ही होता है... हिम्मत मत हारो और परमात्मा का नाम जपते हुए अच्छे कर्म करो... दूसरों का भला करो... अपना देश अपना होता है... इसे छोड़कर कहीं नहीं जाना... भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसी त्रासदी फिर कभी न आएं। अफवाहों से न डरें... क्योंकि भूकंप की भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता।
पूज्य गुरुजी के श्रीमुख से
ऐसे ओजस्वी वचन सुनकर स्थानीय निवासियों में हौंसला पनप रहा है और उन्होंने वहीं रहकर जीवन जीने का संकल्प भी लिया है। वे हाथ जोड़कर पूज्य गुरुजी व सेवादारों का बारंबार धन्यवाद करते हैं कि संकट की इस घड़ी में उनकी सुध ली।

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