रूहानी सत्संग। देश की आर्थिक राजधानी व फिल्म नगरी में हुई रूहानियत की बरसात
संदीप कम्बोज
मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी व फिल्म नगरी में रविवार को रूहानियत की जमकर बरसात हुई। मुंबई-पुणे ओल्ड हाईवे पर गांव कलौते स्
आप जी ने फरमाया कि संत जीवों को गुरुमंत्र देते हैं, राम-नाम जाप करने का तरीका बताते हैं। आप घर-परिवार में रहते हुए, चलते, बैठते, लेटते, काम-धंधा करते हुए जीभा-ख्यालों से मालिक का नाम लेते रहो। इससे आपका आत्मबल बढ़ेगा और भगवान आपके बिगड़े काम संवार देंगे।
आप जी ने फरमाया कि राम का नाम लेकर उसका अभ्यास करने से सफलता मिलती है। राम का नाम लेकर, आप उसका जाप ही न करें, तो फिर कैसे काम चलेगा। जैसे आपके सामने घी, दूध, मक्खन, बादाम सब कुछ रखा हुआ है। लेकिन आप उसे खाते नहीं, सिर्फ सजदा करते रहते हैं तो आपके कुछ भी नहीं होगा। लेकिन अगर आप उसे खा लेंगे, तो स्वाद भी आएगा और शरीर में ताकत भी आएगी। उसी तरह राम का नाम है। राम-नाम लेकर भक्ति करनी जरूरी है, तभी राम-नाम काम करता है।
आप जी ने फरमाया कि जब आप भक्ति करें, तो सिर्फ भक्ति ही करें, यह नहीं होना चाहिए कि हाथ में माला हो और अंदर से दुकानदारी चल रही हो। क्योंकि अक्सर यही होता है कि आप माला जप रहे होते हो हाथों से और अंदर चल रहा होता कि आज फलां ग्राहक आए! उसकी जेब काटूंगा! नहीं, यह भक्ति नहीं है। इसलिए चाहे आप दस मिनट ही भक्ति करो, लेकिन उस दस मिनट में सिर्फ भगवान, अल्लाह, राम की ही चर्चा होनी चाहिए। वो दस मिनट की भक्ति अगर कोई सच्चे दिल से कर ले, तो वो सालों की भक्ति से भी बढ़कर है।
आप जी ने फरमाया कि भगवान के लिए घर-गृहस्थ त्यागना जरूरी नहीं है। हमारे भगवान, अवतार हुए, संत हुए, सभी घर-गृहस्थ वाले थे ज्यादातर। कहने का मतलब है कि भगवान के लिए कोई घर-परिवार नहीं छोड़ना, कोई धर्म नहीं छोड़ना, कोई पहनावा नहीं बदलना, क्योंकि यह नहीं होता कि मालिक कोई अलग कपड़ों से मिलता है। अगर कपड़ों से मालिक मिलता, तो हर कोई वैसे ही कपड़े पहन लेता। भगवान को पाने के लिए आपकी श्रद्धा-भावना सच्ची होनी चाहिए। अगर आप लगन से तड़पकर सच्ची भावना से मालिक को याद करेंगे, तो वो आपको खुशियां जरूर देंगे।
मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी व फिल्म नगरी में रविवार को रूहानियत की जमकर बरसात हुई। मुंबई-पुणे ओल्ड हाईवे पर गांव कलौते स्
आप जी ने फरमाया कि संत जीवों को गुरुमंत्र देते हैं, राम-नाम जाप करने का तरीका बताते हैं। आप घर-परिवार में रहते हुए, चलते, बैठते, लेटते, काम-धंधा करते हुए जीभा-ख्यालों से मालिक का नाम लेते रहो। इससे आपका आत्मबल बढ़ेगा और भगवान आपके बिगड़े काम संवार देंगे।
आप जी ने फरमाया कि राम का नाम लेकर उसका अभ्यास करने से सफलता मिलती है। राम का नाम लेकर, आप उसका जाप ही न करें, तो फिर कैसे काम चलेगा। जैसे आपके सामने घी, दूध, मक्खन, बादाम सब कुछ रखा हुआ है। लेकिन आप उसे खाते नहीं, सिर्फ सजदा करते रहते हैं तो आपके कुछ भी नहीं होगा। लेकिन अगर आप उसे खा लेंगे, तो स्वाद भी आएगा और शरीर में ताकत भी आएगी। उसी तरह राम का नाम है। राम-नाम लेकर भक्ति करनी जरूरी है, तभी राम-नाम काम करता है।
आप जी ने फरमाया कि जब आप भक्ति करें, तो सिर्फ भक्ति ही करें, यह नहीं होना चाहिए कि हाथ में माला हो और अंदर से दुकानदारी चल रही हो। क्योंकि अक्सर यही होता है कि आप माला जप रहे होते हो हाथों से और अंदर चल रहा होता कि आज फलां ग्राहक आए! उसकी जेब काटूंगा! नहीं, यह भक्ति नहीं है। इसलिए चाहे आप दस मिनट ही भक्ति करो, लेकिन उस दस मिनट में सिर्फ भगवान, अल्लाह, राम की ही चर्चा होनी चाहिए। वो दस मिनट की भक्ति अगर कोई सच्चे दिल से कर ले, तो वो सालों की भक्ति से भी बढ़कर है।
आप जी ने फरमाया कि भगवान के लिए घर-गृहस्थ त्यागना जरूरी नहीं है। हमारे भगवान, अवतार हुए, संत हुए, सभी घर-गृहस्थ वाले थे ज्यादातर। कहने का मतलब है कि भगवान के लिए कोई घर-परिवार नहीं छोड़ना, कोई धर्म नहीं छोड़ना, कोई पहनावा नहीं बदलना, क्योंकि यह नहीं होता कि मालिक कोई अलग कपड़ों से मिलता है। अगर कपड़ों से मालिक मिलता, तो हर कोई वैसे ही कपड़े पहन लेता। भगवान को पाने के लिए आपकी श्रद्धा-भावना सच्ची होनी चाहिए। अगर आप लगन से तड़पकर सच्ची भावना से मालिक को याद करेंगे, तो वो आपको खुशियां जरूर देंगे।
थित शाह सतनाम जी परमसुख आश्रम में आयोजित रूहानी सत्संग के दौरान पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने लोगों को भगवान, अल्लाह, राम की भक्ति का रास्ता बताया। रूहानी सत्संग में आस-पास व दूर-दराज से भारी तादाद में साध-संगत उमड़ पड़ी। रूहानी सत्संग के दौरान 1381 लोगों ने पूज्य गुरू जी से गुरूमंत्र की अनमोल दात ग्रहण कर नशों व अन्य सामाजिक बुराईयों से तौबा की। रूहानी सत्संग के दौरान पूज्य गुरू जी ने उपस्थित साध-संगत को अपने अनमोल वचनों से लाभान्वित करते हुए फरमाया कि संत जीवों को हमेशा यही समझाते हैं कि आप राम का नाम लो और उसका जाप करो। यह इन्सान के सभी दु:खों को खत्म कर देता है। क्योंकि आदमी का आत्मविश्वास और सोचने की शक्ति जुड़ी हुई होती है। जैसे ही आप राम-नाम, गुरुमंत्र, कलमा, मैथड आॅफ मेडिटेशन का जाप करते हैं, तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आत्मविश्वास के बढ़ने से आपका दिमाग ज्यादा काम करने लगता है। इससे जो जिस मुसीबत का हल आपका दिमाग पहले नहीं दे पा रहा था, तो जैसे ही आप भक्ति करते हैं, सोचने की शक्ति पहले से कई गुणा ज्यादा बढ़ जाती है, और नेच्युरैली उस समस्या का हल आपको अपने अंदर से ही मिल जाता है और आप टोटली टेंशन फ्री हो जाते हैं।
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