बच्चों को दें इंसानियत की शिक्षा


‘‘पांच-छ: साल का बच्चा लगभग-लगभग पूरी समझ रखने लग जाता है। इस दौर में बच्चों की सोचने-समझने की कैचिंग पॉवर बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इस टाईम पीरियड में अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, ताकि वो बड़ा होकर नेक इंसान बने और आपका नाम रोशन करे।’’

                            -पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां



   रूहानी सत्संग। पूज्य गुरू जी ने साध-संगत को दिए बच्चों की परवरिश संबंधी टिप्स

                बच्चों को दें इंसानियत की शिक्षा


5185 ने लिया गुरूमंत्र
हजारों ने ग्रहण किया रूहानी जाम
तीन को मिला ‘आशियाना’
‘जीवन आशा’ के तहत विवाह बंधन में बंधे भक्त योद्धा व तलाकशुदा युवती






संदीप कम्बोज
सरसा। शाह सतनाम जी धाम में रविवार को आयोजित विशाल रूहानी सत्संग में चहुंओर आस्था की लहरें हिलोरें मार रही थी। इस दौरान देश व दुनिया के विभिन्न कोनों से भारी तादाद में उमड़े श्रद्धालुओं को पूज्य गुरू जी ने बच्चों की परवरिश से संबंधित टिप्स देते हुए उन्हें बचपन से ही इंसानियत,पवित्र धर्मों व शूरवीरता की शिक्षा दिए जाने की अलख जलाई। इस अवसर पर पूज्य गुरुजी ने 5185 लोगों को गुरुमंत्र, नामशब्द प्रदान कर बुराइयां त्यागने का प्रण करवाया तथा हजारों लोगों ने रूहानी जाम, ‘जाम-ए-इन्सां’ ग्रहण कर सामाजिक कुरीतियां त्यागने का संकल्प लिया। रूहानी सत्संग के दौरान पूज्य गुरू जी ने ‘आशियाना’ मुहिम के तहत विभिन्न ब्लॉकों की साध संगत द्वारा नवनिर्मित तीन गरीब जरूरतमंद परिवारों को मकानों की चाबियां प्रदान की। साथ ही 6 अन्य जरूरतमंदों को बीमारी के इलाज के लिए 9 लाख रूपए की आर्थिक सहायता के चैक सौंपे। इस मौके पर ‘जीवन आशा’ मुहिम के तहत एक भक्त योद्धा व तलाकशुदा युवती विवाह बंधन में बंधे, जिन्हें पूज्य गुरु जी ने अपने पावन कर कमलों से 25 हजार रुपए का चैक प्रदान किया।
      सत्संग में उमड़े श्रद्धालुओं को अपने अनमोल व अमृतमयी वचनों से लाभान्वित करते हुए पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि जब बच्चा पांच-छह साल का हो जाता है तो उसकी परवरिश कैसे की जाती है? इस उम्र में बच्चा अनजान नहीं होता बल्कि उसे पूरी समझ होती है। ये कलियुग का दौर है, आज के समय पांच-छ: साल का बच्चा ही लगभग-लगभग पूरी समझ रखने लग जाता है। इस दौर में बच्चों की सोचने-समझने की कैचिंग पॉवर बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इस टाईम पीरियड में अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, ताकि वो बड़ा होकर नेक इंसान बने और आपका नाम रोशन करे। बच्चा जब 5-6 साल का हो जाता है तो इस उम्र में हो सके तो बच्चों के सोने का कमरा अलग से हो। माता-पिता को बच्चों के सामने कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए और न ही बच्चों के सामने कभी लड़ाई-झगड़ा व गाली-गलौच करें। पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि बच्चे के साथ दोस्त मित्र जैसा व्यवहार करो ताकि अगर कोई उसका गलत इस्तेमाल करे या कोई गलत हरकत करे तो वह आपको बता सके। इस उम्र में माता-पिता को अपने बच्चों का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। जैसे पुराने समय में लकड़ी की फट्टी(तख्ती) पर मुल्तानी मिट्टी की लीपापोती कर पोच करते थे। वैसी ही बाल्यवस्था के इस दौर में बच्चा फट्टी की भांति बिल्कुल तैयार होता है जैसे फट्टी(तख्ती) पर कलम से जैसे अक्षर लिखोगे वैसे ही अक्षर बनते चले जाते हैं। इसी तरह बच्चे को भी इस आयु में आप जैसे संस्कार देंगे, उसकी पूरी लाईफ उसी सांचे में ढल जाएगी। इसलिए सोच समझकर कलम चलानी चाहिए। आप जी ने फरमाया कि अपने बच्चों को इंसानियत की, धर्मों की, शूरवीरता की शिक्षा दें, उसे डराना-धमकाना नहीं चाहिए। बच्चों को खेल के अंदाज में पढ़ाएं ताकि उसे पढ़ाई बोझ ना लगे। रूहानी सत्संग में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड, दिल्ली समेत विभिन्न प्रदेशों से भारी तादाद में श्रद्धालुओं ने शिरकत की। सत्संग के दौरान साध-संगत को चंद मिनटों में ही लंगर-भोजन खिला दिया गया।


अबला नहीं सबला बनाएं लड़कियों को
पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि बच्चों को हमारी सांस्कृति सिखानी चाहिए। इस उम्र में बच्चे को ईश्वर के नाम से उसे जोड़ दें। देशभक्ति व इन्सानियत का जज्बात उसके अंदर ठोक-ठोककर भर दें। लड़कियों को आज के दौर में अबला नहीं सबला बनाना चाहिए। बच्चों के रहन, सहन व खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि आज के दौर में पहनना और खाना भी एक कला है। पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि बच्चे के सामने गाली-गलौच अश्लील हरकतें ना करें। बच्चे को फिल्टर पानी के साथ-साथ कभी-कभार सामान्य पानी भी दें ताकि उसे अलर्जी ना हो।




इलाज की खातिर दिए 9 लाख की आर्थिक सहायता के चेक
सरसा। रूहानी सत्संग के दौरान पूज्य गुरु जी ने अपने पावन कर कमलों से शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के भलाई फंड के खाते से 6 जरुरतमंद परिवारों को बीमारी के इलाज व बच्चों के पालन पोषण हेतू 9 लाख रूपए के चैक प्रदान किए। इनमें ब्लॉक रूड़की की मीनाक्षी इन्सां पत्नी संदीप इन्सां को उसके पति के ईलाज के लिए आर्थिक सहायता हेतू 1 लाख रुपए का चैक, सूरतगढ़ निवासी विधवा बहन सुमन इन्सां पत्नी स्व. सुन्दर इन्सां को उसके बच्चों के पालन-पोषण के लिए 1 लाख का चैक, पंजाब के जिला पटियाला के ब्लॉक भानरा-डकाला निवासी हरप्रीत कौर पत्नी धर्मपाल को उसके गुर्दे के इलाज के लिए 2 लाख का चैक, इसी जिला के ब्लॉक देवीगढ़ के गुरचरण सिंह इन्सां पुत्र जंगीर सिंह को उसके दिल के ईलाज के 1 लाख का चैक, जिला फतेहाबाद के नानक चंद इन्सां पुत्र जोधा राम को उसके दोनों खराब गुर्दे के ईलाज के लिए 2 लाख का चैक व जिला संगरुर के  हरभोल सिंह इन्सां पुत्र निरंजन सिंह को उसके बेटे के ईलाज के लिए आर्थिक सहायता हेतू 2 लाख रू के चैक प्रदान किए गए।


राम जी तू करता कमाल है ...
पूज्य गुरू जी द्वारा गाए एमएसजी फिल्म के भजन पर झूम उठा पंडाल
सरसा। रूहानी सत्संग के दौरान पूज्य गुरू जी ने साध-संगत की मांग पर एमएसजी द मैसेंजर का गीत राम-राम गाया तो लाखों की साध-संगत से खचाखच भरा पूरा पंडाल मस्ती से झूमने लगा। हर कोई अपने मुर्शिद की दिलकश आवाज पर मंत्रमुग्ध होकर नाच रहा था।

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