इस मामले में चीन से सीखे हिंदुस्तान

       इस मामले में चीन से सीखे हिंदुस्तान 
             पड़ोसी मुल्क की तर्ज पर अब लेना ही होगा  हम एक हमारा एक  का संकल्प 


 135.44 करोड़ हो गए हम हिन्दुस्तानी, आजादी के बाद से वर्ष 1951 से लेकर अब तक 99 करोड़ बढ़ी भारतवर्ष की आबादी, दुनियाभर में दूसरा नंबर  

50 साल में 2001 तक बढ़े 66 करोड़ और अब मात्र 18 साल में बढ़ गई 33 करोड़ जनसंख्या 
1,35,44,19,901 मंगलवार को आंकी गई हिन्दुस्तान की जनसंख्या 
2028 तक जनसंख्या में चीन को पीछे छोड़ दुनिया में नंबर वन होंगे हम

संदीप कम्बोज
सिरसा । क्या आप जानते हैं कि जिस धरा यानी पृथ्वी पर आप रह रहे हैं, उसकी कुल आबादी कितनी है। चलिए हम बता देते हैं। वर्तमान में संपूर्ण धरा की कुल आबादी 7.63 अरब का भी आंकड़ा पार कर चुकी है जिसमें से 1.41 अरब जनसंख्या के साथ चीन दुनियाभर में पहले नंबर पर है जबकि मंगलवार 10 जुलाई 2018  दोपहर करीब 11 बजे तक अकेले भारत की आबादी 1,35,44,19,901 का आंकड़ा पार कर चुकी थी जो कि संपूर्ण धरा का 17.43 प्रतिशत है। वर्ल्डमीटर डॉट इन्फो पर  मंगलवार 10 जुलाई 2018 को दोपहर करीब सवा 11 बजे तक दुनिया की आबादी 7, 63, 48, 49, 550 आंकी गई। जनसंख्या वृद्धि के ग्राफ में सबसे तीव्र रफ्तार की अगर बात की जाए तो आज हिन्दुस्तान दुनियाभर में पहले नंबर पर है।आजादी के बाद से वर्ष 1951 से लेकर अब तक भारतवर्ष की आबादी 99 करोड़ तक बढ़ चुकी है। पहले 50 साल यानि वर्ष 1951 से 2001 तक वृद्धि का जो आंकड़ा महज 66 करोड़ था वही अब मात्र 18 साल(2001-2018) में 33 करोड़ तक आ पहुंचा है।  एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक यदि आबादी इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो वर्ष 2100 तक दुनिया की जनसंख्या दस अरब 10 करोड़ होने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि 2021-2100 के मध्य दुनियाभर की आधी आबादी भारत सहित आठ देशों में रहेगी। और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट की मानें तो साल 2028 तक हिन्दुस्तान भी चीन के आंकड़े को पार कर दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। यह तब है जब भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों में प्रजनन दर कम हुई है, क्योंकि इन देशों में परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रम जोर-शोर से चल रहे हैं। हिन्दुस्तान में भी जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण को लेकर जहां केंद्र सरकार परिवार नियोजन, ‘हम दो हमारे दो’, ‘छोटा परिवार-सुखी परिवार’ आदि अभियान चलाकर आवाम को जागरूक कर रही है लेकिन यह सब काफी नहीं है. हिंदुस्तान की सरकार को चाहिए कि  जनसंख्या रूपी इस भयावह समस्या  से निपटना है तो  पड़ोसी मुल्क चीन की नक़ल करें। देश विकास पथ पर अग्रसर हो, इसके लिए किसी देश से सीख लेने में भला बुराई ही क्या है. सरकार को चाहिए कि  जनसंख्या नियंत्रण के लिए  चीन की तर्ज पर एक ही बच्चा पैदा करने का सख्त कानून बनाया जाये जिसमें दूसरा बच्चा पैदा होने पर नागरिकता खत्म किये जाने जैसा कड़ा प्रावधान हो।  हालांकि एक सामाजिक संस्था  डेरा सच्चा सौदा ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पहल की है।  डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों वालंटियर्स   डॉ. एमएसजी  के मार्गदर्शन में अब तक  छोटा परिवार चुनने का लिखित में संकल्प ले चुके हैं। तो आईए इस जनसंख्या दिवस पर हम सभी मिलकर संकल्प लें कि अपने आसपास के लोगों में छोटा परिवार चुनने को लेकर जागरूकता फैलाकर देश के विकास में भागीदार बनेंगे। केंद्र, राज्य सरकारें व अन्य सामाजिक संस्थाएं तो अपने स्तर पर प्रयास कर ही रही हैं लेकिन आपके आस-पड़ोस के बाशिंदों, रिश्तेदार व आपके जानकारों में सिर्फ आपकी बात ही ज्यादा जागरूकता फैलाएगी।



यहां लाखों परिवारों  ने लिया है एक ही बच्चे को जन्म देने का संकल्प 

जनसंख्या वृद्धि पर काबू पाने में डेरा सच्चा सौदा की मुहीम कारगर साबित हो रही है।  डेरा के  संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह  के एक आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा के लाखों श्रद्धालुओं ने जीवन में एक ही बच्चे को जन्म देने का लिखित में संकल्प लिया है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उन्होंने कुछ नारे भी दिए हैं जिनमें हम एक हमारा एक’ और ‘बच्चा एक ही काफी, वरना दो के बाद माफी’ हैं। 



जनसंख्या में ये हैं दुनिया के टॉप टेन देश 

देश   जनसंख्या (10 जुलाई 2018)
चीन 1415182362
भारत 1354419901
अमेरिका 326823786
इंडोनेशिया 266864413
ब्राजील 210907017
पाकिस्तान 200908294
नाइजीरिया 195999778
बांग्लादेश 166410213
रूस          143964092
मैक्सिको 130798640 
नोट : सभी आंकड़े दोपहर 11 बजे से 11:17 के बीच 
स्त्रोत : वर्ल्डमीटर डॉट इन्फो 


इस तरह बढ़ेगा जनसंख्या का ग्राफ
2020 1.38 अरब
2025 1.45 अरब
2030 1.51 अरब
2035 1.56 अरब
2040 1.60 अरब
2045 1.63 अरब
2050 1.65 अरब 



शहरों में दुनियाभर में टॉप पर टोक्यो, तीसरे नंबर पर है दिल्ली 
दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों की अगर बात करें तो वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक जापान का टोक्यो शहर 3.78 करोड़ जनसंख्या के साथ विश्वभर में पहले नंबर पर है जबकि 3.53 करोड़ जनसंख्या के साथ इंडोनेशिया का जर्काता शहर दूसरे तो भारत की राष्टÑीय राजधानी दिल्ली 2.49 करोड़ जनसंख्या के साथ दुनियाभर में तीसरे नंबर पर है। डेमोग्राफिया वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक फीलिपिंस का मनीला शहर चौथे, साउथ कोरिया का सिओल पांचवें, चीन का शंघाई छठे, पाकिस्तान का कराची सातवें, चीन का बीजिंग आठवें, अमेरिका का न्यूयॉर्क नौवें तो चीन का गौंगझोउ शहर जनसंख्या में दसवें स्थान पर है।


जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत पर स्थिर करना चाहता है भारत
11 जुलाई 1987 को जब विश्व की जनसंख्या 5 अरब हुई थी, तब से ही यूनाईटेड नेशन्स डेवलपमेन्ट प्रोग्राम ने इस विशेष दिन को विश्व जनसंख्या दिवस घोषित कर दिया। जनसंख्या को काबू रखने के लिये लोगों को शिक्षित एवं जागरूक बनाने की दृष्टि से हर वर्ष 11 जुलाई को दुनिया भर में विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हर राष्ट्र में इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि आज दुनिया के हर विकासशील और विकसित देश, जनसंख्या विस्फोट से चिंतित हैं। विकासशील देश अपनी आबादी और जनसंख्या के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे हैं तो विकसित देश पलायन और रोजगार की चाह में बाहरी देशों से आकर रहने वाले शरणार्थियों के कारण परेशान हैं। भारत में इस दिवस को मनाने का उद्देश्य, जनसंख्या वृद्धि दर को 2.1 प्रतिशत पर स्थिर करने का है।



कुछ इस तरह बढ़ते चले गए हम 
1951-1961 1961-1971 1971-1981 1981-1991 1991-2001 2001-2011 2011-2018
7 करोड़  11 करोड़    14 करोड़  16 करोड़    18 करोड़    19 करोड़      14 करोड़


 india population story

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ