आईएएस बनना चाहती है सरसा जिला टॉपर जसलीन


सफलता। घड़ी बेचने वाले की बेटी ने भरी सफलता की उड़ान तो हर कोई रह गया हैरान

पूज्य गुरू जी को दिया सफलता का श्रेय
घर पर बधाई देने वालों का लगा तांता

सरसा (संदीप कम्बोज)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं परीक्षा में 96.4 प्रतिशत अंक हासिल कर आर्ट स्ट्रीम में सरसा जिला टॉपर रही जसलीन इन्सां भविष्य में आईएएस बनना चाहती है। उसे पूरा भरोसा है कि एक दिन वह आईएएस अफसर बनकर अवश्य ही देश की सेवा करेगी। वह ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन कर आईएएस की तैयारी करेगी। जसलीन ने अपनी सफलता का श्रेय पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन आशिर्वाद व मेडिटेशन को दिया है।
17 साल की जासलीन को किताबें पढ़ने और चित्रकारी का शौक है। जसलीन का कहना है कि घर में रिजल्ट चैक करने के बाद उसे नहीं पता था कि वह जिले की टॉपर है। स्कूल और मीडिया से फोन आने के बाद उसे इस बात का पता चला। उन्होंने बताया कि वह शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल में तीसरी कक्षा से ही पढ़ रही है। पूज्य गुरू जी द्वारा
पढ़ाई के विषय में बतलाए टिप्सों को अपनाकर उसने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बुलंदियों को छूआ है। दसवीं कक्षा में भी उसने 94 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। जसलीन ने बताया कि उसने बोर्ड परीक्षा और प्रतिस्पर्धा के चलते शुरू से ही रोजाना 12-12 घंटे की पढ़ाई की और वह स्कूल से आने के बाद हमेशा चार-पांच घंटे घर में पढ़ाई करती थी। बोर्ड की परीक्षाओं के लिए किसी भी तरह का ट्यूशन नहीं लिया। माता-पिता और शिक्षकों ने इसमें उनका पूरा सहयोग किया। जसलीन ने बताया कि बारहवीं कक्षा में इंग्लिश, राजनीति शास्त्र में 95-95, फिजिकल एजूकेशन में 97, हिंदी में 80, ज्योग्रॉफी में 95 तथा संगीत में 100 अंक प्राप्त किए हैं। स्कूल की अध्यापिकाओं ने उन्हें बेहतर तरीके से गाइड किया, जिससे उन्हें यह सफलता हासिल हुई। घड़ी बेचने वाले सुंदरदास इन्सां व किरणदेवी इन्सां अपनी बेटी की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे। उनका कहना है कि उन्होंने कभी अपने बेटे-बेटी में फर्क नहीं समझा तथा उन्हें अपनी बेटी पर नाज है, जिसने जिला में सबसे ज्यादा अंक लेकर उनका नाम रोशन किया है। तीन भाई बहनों में सबसे छोटी जसलीन के सहपाठी, सगे-संबंधी व अध्यापकों में उसकी इस उपलब्धि पर खुशी की लहर है तथा रिजल्ट आने के बाद से ही उसके घर बधाईयां देने वालों का तांता लगा है।

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