बेमिसाल। पूज्य गुरू जी के आवाह्न पर जिंदगी की बड़ी कुर्बानी को बेटियों ने हाथ उठाकर लिया प्रण
निशक्त व विधुरों की हमसफर बनेंगी ‘भक्त वीरांगना गाजी’
पूज्य गुरू जी ने दिया ‘भक्त वीरांगना गाजी’ का पावन खिताब
वीरांगनाओं ने हाथ उठाकर लिया प्रण
53200 जीव और बने मोक्ष मुक्ति के अधिकारी
लव चार्जर पर झूमी साध संगत
20-20 कि.मी. तक लगा जाम
25 को मिला आशियाना
8 पीड़ितों को मिली सहायता
सारथी के तहत ट्राइसाईक
'मीत भक्त वीरांगना गाजी, कोई-कोई है होए
धन-धन हो मां-बाप की,दो जहां में जय-जयकार होए’
- पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
धन-धन हो मां-बाप की,दो जहां में जय-जयकार होए’
- पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
संदीप कम्बोज
सरसा। दुनियाभर में मानवता भलाई कार्यों में सिरमौर सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाई जा रही परोपकार की मुहिम में रविवार को एक और नया अध्याय जुड़ गया। वेश्याओं (शुभ देवियों) व विधवाओं की जिंदगी में नया सवेरा लाने के बाद अब डेरा सच्चा सौदा ने निशक्तों, अपंगों व विधुरों के जीवन के असल दर्द को समझने की पहल की है। कुदरत ने भले ही उन्हें जख्म दिए लेकिन उन पर मरहम लगाने का काम अब डेरा सच्चा सौदा करेगा। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के आवाह्न पर ...वीरांगनाएं इन कुदरत के मारों का हमसफर बनकर इनके साथ उम्रभर चलने को तैयार हैं। रविवार को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित विशाल रूहानी सत्संग के दौरान के दौरान भारी तादाद में वीरांगनाओं ने हाथ उठाकर निशक्त व विधुरों की जीवन संगिनी बनने का संकल्प लिया। इस दौरान लाखों की तादाद में उमड़ी साध संगत ने भी हाथ खड़Þे कर इस मुहिम में पूरी तरह से सहयोग देने का प्रण लिया। पूज्य गुरू जी ने इन्हें ‘भक्त वीरांगना गाजी’ का नाम दिया है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा मानवता भलाई के हितार्थ चलाई जा रही मुहिम में अब 104 कार्य हो गए हैं। रूहानी सत्संग के दौरान पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि हम कल सफर कर रहे थे तो मालिक ने मानवता भलाई कार्यों में एक और नया कार्य जोड़ने का ख्याल दिया । पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि हमारी तो पांच करोड़ से भी ज्यादा औलाद है, हमें तो सबका ख्याल रखना पड़ता है। हमें तो बेटे भी उतने ही प्यारे हैं जितनी बेटियां। कई अपंग, विकलांग नौजवान होते हैं, हाथ-पावं से, कई चल फिर नहीं सकते,बोलना नहीं आता, शादियां नहीं होती। कईयों के छोटे-छोटे बच्चे होते हैं, पत्नि की मौत हो गई और फिर शादी नहीं हुई। पढ़े लिखे अच्छे हैं, अचानक कुदरत की मार पड़ गई, अंगहीन, अपंग हो गए। तो अब बारी बेटियों की है। बहुत बार बेटियों ने बोला कि पूज्य गुरू जी हमें भी मौका दीजिए तो मौका दे दिया है, अब सोचना पड़ेगा आपको। अंगहीन अपंग को बच्चे की तरह संभालना होगा। यह कोई मजाक नहीं जिंदगी की सबसे बड़ी कुर्बानी है। पूज्य गुरू जी के आवाह्न पर पंडाल में एक साथ लाखों हाथ खड़े हो गए और भारी तादाद में वीरांगनाओं ने हाथ उठाकर अंगहीन,अपंगों व विधुरों से विवाह बंधन में बंधने का प्रण लिया। पूज्य गुरू जी ने सभी वीरांगनाओं व समस्त साध संगत को अपने पावन आर्शिवाद से नवाजा। उल्लेखनीय ही कि पूज्य गुरू जी के आवाहन पर 1500 नौजवानों ने वेश्याओं (शुभ देवियों) को जीवन संगिनी बनाने का लिखित में प्रण किया है
और अब तक 17 शादियां हो चुकी हैं। शुभ देवियों से शादी करने वाले सेवादारों को पूज्य गुरू जी ने भक्तयोद्धा के पावन खिताब से नवाजा है।
रूहानी बरसात में काफूर हुई गर्मी
रविवार को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित विशाल रूहानी सत्संग में रूहानियत की ऐसी बरसात हुई कि देखते ही देखते गर्मी काफूर हो गई। रूहानी सत्संग में बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा समेत अन्य प्रांतों से आस्था का सैलाब उमड़ा कि खचाखच भरा विशाल पंडाल छोटा पड़ गया। सत्संग की समाप्ति तक साध संगत के आने का सिलसिला जारी था। सरसा को आने वाले सभी मार्गों पर 20-20 किमी लंबी कतारें लग गई। साध संगत ने बड़े ही प्र्रेमपूर्वक श्रद्धाभाव से पूज्य गुरू जी के अनमोल वचनों को श्रवण कर अनुशासन की मिसाल कायम की। रूहानी सत्संग के दौरान 53200 नए जीव नाम गुरूमंत्र की अनमोल दात प्रदान कर मोक्ष मुक्ति के अधिकारी बने। इस दौरान भारी तादाद में साध संगत ने रूहानी जाम, जाम-ए-इन्सां ग्रहण कर सामाजिक बुराईयां त्यागने का संकल्प लिया।
हाथ उठाने की बजाए खड़ी होकर लिया प्रण
सरसा। शाह सतनाम जी धाम में आयोजित विशाल रूहानी सत्संग के दौरान जैसे ही पूज्य गुरू जी ने अपंगों, विकलांगों व विधुरों के जीवन के पीछे के असल दर्द बारे फरमाया तो देखते ही देखते खचाखच भरे पंडाल में एक साथ लाखों हाथ खड़े हो गए और जब पूज्य गुरू जी ने साध संगत से विवाह बंधन में बंधने का आवाह्न किया तो प्रण करने को वीरांगनाओं का जोश देखते ही बन रहा था। खचाखच भरे पंडाल में एक साथ लाखों हाथ खड़े हो गए और अनेक वीरांगनाएं तो हाथ उठाने की बजाए स्वंय ही खड़ी हो गई। जिसने भी इस जज्बे को देखा बस देखता ही रह गया। हर कोई वीरांगनाओं के जज्बे को सलाम कर रहा था।
पर्यावरण संरक्षण : 29 परिवारों ने सौंपी अस्थियां
डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाई जला रही अस्थियों से पर्यावरण सुरक्षा की मुहिम में साध संगत लगातार सहयोग कर रही है। रविवार को सत्संग के दौरान 29 और परिवार अस्थियां लेकर आए थे जिन्हें वह आश्रम में पौधारोपण के लिए सौंप गए।
पूज्य गुरू जी ने दी ईद की मुबारकबाद
रूहानी सत्संग सुनने भारी तादाद में आए मुस्लिम समाज के भाईयों ने जब पूज्य गुरू जी को ईद की मुबारकबाद दी तो पूज्य गुरू जी ने भी सारी साध संगत को ईद की मुबारकबाद देते हुए फरमाया कि आप सभी नेकी भलाई की ईद में आगे बढ़ते जाएं और आप पर अल्लाह-ताला का रहमो कर्म मुसलाधार बरसता रहे।
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