रूहानियत से महकी इंसानियत की यूनिर्वसिटी


पावन भंडारा। नई उमंग व तरंग के साथ धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया पूजनीय बेपरवाह सार्इं मस्ताना जी महाराज का 124वां पवित्र अवतार दिवस


सरसा(संदीप कम्बोज)। कोई नाच रहा था, तो कोई कर रहा था राम-नाम का गुणगान। कहीं ढफली, ढोलक की आवाजें सुनाई पड़ रही थी तो कहीं साध-संगत टोलियां बनाकर मस्ती में सराबोर होकर झूम रही थी। मालिक के कुछ दिवाने अलग ही तरह की वेष भूषा में सजे-धजे सभी का ध्यान अपनी और आर्कषित कर रहे थे तो कई सिर पर ‘हैप्पी बर्थडे’ अंकित रंगीन टोपियां व बैलून लगाए दिखाई पड़ रहे थे। जहां तक नजर जा रही थी, हर तरफ नई उमंग व तरंग के साथ राम-नाम के आशिकों का कारवां खुशियां मनाता हुआ दिखाई पड़ रहा था। मौका था डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं मस्ताना जी महाराज के 124वें पावन अवतार दिवस के उपलक्ष्य में शाह सतनाम जी धाम में आयोजित पावन भंडारे का। पूज्य सार्इं जी के अवतार दिवस पर इंसानियत की इस यूनिवर्सिटी का जर्रा-जर्रा पूज्य गुरू जी को इस शुभ घड़ी की मुबारकबाद दे रहा था। लाखों लोगों का कारवां, क्या बच्चे, क्या नौजवान और क्या वृद्ध, खुशियों से लबरेज सभी पूज्य सार्इं जी का अवतार दिवस मनाने पूरे जोश व उत्साह के साथ आए थे। अवतार दिवस को लेकर माता-बहनों में भी गजब का जुनून दिखाई पड़ रहा था। वे भी जगह-जगह टोलियां बनाकर सेवा करते हुए भजन बंदगी कर रही थी। इस पावन मौके पर सुखदुआ समाज भी भला कहां पिछे रहना वाला था। उन पर भी मालिक के नाम का जादू सर चढ़कर बोल रहा था। वे भी पूरे उत्साह से नाच रहे थे। कुछ बच्चे व्हीसल बजाकर तो कुछ रंग-बिरंगे खिलौनों व फुलझड़ियों से अपनी खुशी का इजहार कर रहे थे। अंदाज भले ही अलग-अलग थे पर मकसद सभी का एक ही था अपने प्यारे मुर्शिद के पावन जन्म दिवस को धूम-धाम से मनाना। और उनके चेहरों पर झलकते खुशियों के भाव भगवान, अल्लाह, राम के प्रति उनकी दिवानगी साफ बयां कर रहे थे। पावन भंडारे के मौके पर चहुं और राम-नाम की लहरें बहती हुई दिखाई
दी। मालिक के आशिकों के प्यार के आगे तमाम बंदोबस्त छोटे पड़ गए। आश्रम आने वाले सभी मार्गों पर रातभर जाम लगे रहे। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने लाखों की तादाद में पावन भंडारा मनाने लाखों की तादाद में आई साध-संगत को पूज्य सार्इं जी के पवित्र अवतार दिवस की मुबारकबाद दी तथा भगवान को प्राप्त करने का रास्ता बताया।

दिखाई दिया रूहानी मुजरे का नजारा
महक आ रही है पर जमकर झूमी साध-संगत
पावन भंडारे के अवसर पर रूहानी मुजरे की झलक भी दिखाई दी। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने साध-संगत की डिमांड पर ‘महक आ रही है, फिजा भी गा रही है, नाचे अंबर, नाचे धरती रबी जोत प्रगटा रही है’ भजन गाया तो पंडाल में खचाखच साध-संगत मस्ती में आकर झूमने लगी। हर कोई अपने सतगुरू, मौला के इश्क में डूबा हुआ नजर आ रहा था।
इस अवसर पर पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि जब आप सच्चे मालिक के इश्क में नाचते हो तो वह ज्यों की त्यों मालिक की दरगाह में मंजूर होता है। अपने सतगुरू,मौला के आगे नाचना रूहानी मुजरा है, ये पूज्य सार्इं मस्ताना जी महाराज के पवित्र वचन हैं। आप जी ने फरमाया कि ‘नाचु रै मन नाच, गुर के आगे नाच’।


लाजवाब थे सभी प्रबंध
पूज्य सार्इं मस्ताना जी महाराज के पवित्र भंडारा मनाने देश के विभिन्न राज्यों व दुनिया के अनेक देशों से लाखों की तादाद में साध-संगत पूरे जोश व जुनून के साथ पहुंची थी। इस दौरान साध-संगत को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए हर तरह के तमाम बंदोबस्त किए गए थे। शाह
सतनाम जी धाम से लेकर बेपरवाह मस्ताना जी धाम तक सत्संग के लिए जगह-जगह बड़ी-बड़ी स्क्रीनें लगाई गई थी। स्वास्थ्य जांच के लिए जगह-जगह डॉक्टरों की टीमें भी तैनात की गई थी। सत्संग की समाप्ति पर समस्त साध संगत को हलवे का प्रसाद वितरित किया गया तथा सभी को चंद ही मिनटों में लंगर-भोजन खिला दिया गया।

बंटा हल्वे का प्रसाद
पूजनीय बेपरवाह सार्इं मस्ताना जी महाराज के 124वें पावन अवतार दिवस के अवसर पर आयोजित पावन भंडारे के अवसर पर लाखों की तादाद में उमड़ी साध-संगत को हल्वे का प्रसाद बांटा गया।



जब रूहानी जाम पीकर बोलने लगा मूक बधिर
फरीदाबाद के राशिद की 10 साल बाद लौट आई आवाज
रसा(संदीप कम्बोज)। पावन भंडारे के अवसर पर पूज्य सार्इं बेपरवाह मस्ताना जी महाराज की रहमत का नजारा प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दिया। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा रूहानी जाम ‘जाम-ए-इन्सां’के संबंध में फरमाए जा रहे वचन ज्यों के त्यों पूरे होते दिखाई दिए। इस दौरान एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। पिछले 10 साल से आवाज गंवां चुके एक 18 वर्षीय युवक ने पावन भंडारे के अवसर पर जैसे ही रूहानी जाम ‘जाम-ए-इन्सां’ ग्रहण किया तो उसके साथ आए परिजनों की खुशियों का ठीकाना नहीं रहा। उन्होंने पर्ची भेजकर पूज्य गुरू जी को उक्त करिश्मे बारे बताया तो पूज्य गुरू जी ने उन्हें अपने पावन आशीर्वाद से नवाजा।
बता दें कि फरीदाबाद के होडल के गांव कोट निवासी राशिद पुत्र जामल की उस समय आवाज चली गई थी जब वह मात्र आठ वर्ष का था। परिजनों ने काफी प्रयास किए लेकिन राशिद की आवाज नहीं लौटी। किसी के बताए अनुसारपरिजन राश्दि को लेकर डेरा सच्चा सौदा आ गए। पावन भंडारे के अवसर पर राशिद ने रूहानी जाम ‘जाम-ए-इन्सां’ ग्रहणकर बोलने का प्रयास किया तो पाया कि उसकी आवाज लौट चुकी थी। परिजन बार-बार पूज्य गुरू जी का लाख-लाख शुक्राना कर रहे थे।

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