पावन भंडारा। 67वें रूहानी स्थापना दिवस व ‘जाम-ए-इन्सां गुरू का’ की आठवीं वर्षगांठ पर डेरा सच्चा सौदा में छाया खुशियों का आलम
संदीप कम्बोज/सरसा। ढोल, नगाड़े, मस्ती, उत्साह, जुनून। डेरा सच्चा सौदा के 67वें रूहानी स्थापना दिवस व जाम-ए-इन्सां की पवित्र वर्षगांठ के अवसर पर शाह सतनाम जी धाम में एक अलग ही नजारा था। कहीं ढफली, ढोलक की आवाजें सुनाई पड़ रही थी तो कहीं साध-संगत टोलियां बनाकर मस्ती में सराबोर होकर झूम रही थी। मालिक के कुछ दिवाने अलग ही तरह की वेषभूषा में सजे-धजे सभी का ध्यान अपनी और आर्कषित कर रहे थे तो कई सिर पर टोपियां व बैलून लगाए दिखाई पड़ रहे थे। जहां तक नजर जा रही थी, हर तरफ राम-नाम के आशिकों का कारवां खुशियां मनाता हुआ दिखाई पड़ रहा था। आश्रम का जर्रा-जर्रा पूज्य गुरू जी को इस शुभ घड़ी की मुबारकबाद दे रहा था। लाखों लोगों का कारवां, क्या बच्चे, क्या नौजवान और क्या वृद्ध, खुशियों से लबरेज सभी पूज्य सार्इं जी का अवतार दिवस मनाने पूरे जोश व उत्साह के साथ आए थे। रूहानी स्थापना दिवस को लेकर माता-बहनों में भी गजब का जुनून दिखाई पड़ रहा था। वे भी जगह-जगह टोलियां बनाकर सेवा करते हुए भजन बंदगी कर रही थी। इस पावन मौके पर सुखदुआ समाज भी भला कहां पिछे रहना वाला था। उन पर भी मालिक के नाम का जादू सर चढ़कर बोल रहा था। वे भी पूरे उत्साह से नाच रहे थे। कुछ बच्चे व्हीसल बजाकर तो कुछ रंग-बिरंगे खिलौनों व फुलझड़ियों से अपनी खुशी का इजहार कर रहे थे। अंदाज भले ही अलग-अलग थे पर मकसद सभी का एक ही था पावन रूहानी स्थापना दिवस को धूम-धाम से मनाना। और उनके चेहरों पर झलकते खुशियों के भाव भगवान, अल्लाह, राम के प्रति उनकी दिवानगी साफ बयां कर रहे थे। पावन भंडारे के मौके पर चहुं और राम-नाम की लहरें बहती हुई दिखाई दी। मालिक के आशिकों के प्यार के आगे तमाम बंदोबस्त छोटे पड़ गए। आश्रम आने वाले सभी मार्गों पर रातभर जाम लगे रहे। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने लाखों की तादाद में पावन भंडारा मनाने लाखों की तादाद में आई साध-संगत को पावन रूहानी स्थापना दिवस की मुबारकबाद दी तथा भगवान को प्राप्त करने का रास्ता बताया। इस दौरान पूज्य गुरू जी डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के 109 कार्यों में अपने ब्लॉकों में रहते हुए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने पर इंसानियत के सच्चे पहरेदारों को चमचमाती ट्राफियां देकर सम्मानित भी किया।
लाजवाब थे सभी प्रबंध
रूहानी स्थापना दिवस का पवित्र भंडारा मनाने
पूज्य सार्इं जी के समय से जुड़े सेवादार भी पहुंचे
पावन भंडारे के मौके पर पूज्य बेपरवाह सार्इं मस्ताना जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त कर चुके हजारों लोग भी पहुंचे थे। सत्संग पंडाल में उनके लिए अलग से केबिन बनाया गया था। सभी ने रूहानी स्थापना दिवस को बड़ी ही खुशी व चाव से मनाया।
देश के विभिन्न राज्यों व दुनिया के अनेक देशों से लाखों की तादाद में साध-संगत पूरे जोश व जुनून के साथ पहुंची थी। इस दौरान साध-संगत को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए हर तरह के तमाम बंदोबस्त किए गए थे। शाह सतनाम जी धाम से लेकर बेपरवाह मस्ताना जी धाम तक सत्संग के लिए जगह-जगह बड़ी-बड़ी स्क्रीनें लगाई गई थी। स्वास्थ्य जांच के लिए जगह-जगह डॉक्टरों की टीमें भी तैनात की गई थी। सत्संग की समाप्ति पर समस्त साध संगत को सभी धर्मों का प्रसाद भी वितरित किया गया तथा सभी को चंद ही मिनटों में लंगर-भोजन खिला दिया गया।
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