पड़ोसी मुल्क नेपाल में जोरों पर चला शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग का राहत अभियान
संदीप कम्बोज
काठमांडू। 25 अप्रैल शनिवार, दोपहर 11:48 मिनट तक नेपाल में सब कुछ सामान्य था। रोजाना की तरह जिंदगी दौड़ रही थी। लोग अपने-अपने काम धंधों में लगे थे। एकाएक धरती हिली और ताश के पत्तों की मानिंद मकान ढ़हने लगे। देखते ही देखते गगनचुंबी इमारतों समेत आलीशान महल व भवन जमींदोंज हो गए। कोई कुछ समझ पाता, इतने में चहुंऔर हा-हाकार मच गया। हर तरफ चिख-चित्कार का आलम था। चंद लम्हों के भीतर ही भव्य व आलीशान भवन मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो गए और उनके भीतर जिंदा दफन हो गई हजारों जिंदगीयां। हजारों जानें चली गई, अनेकों माओं ने लाल खो दिए । किसी ने बाप खो दिया तो किसी बहन ने अपना भाई। अनेकों का सुहाग चला गया। कई ऐसे बदनसीब कि सब-कुछ तबाह गया। घर-बार के साथ-साथ उजड़ गया कारोबार। पड़ोसी मुल्क में विनाशकारी भूकंप द्वारा मचाई गई तबाही में अपना सब-कुछ गंवा चुके पीड़ितों व मलबे में दफन जिंदगी की भिख मांगती जिंदगीयों की चीखें हिन्दुस्तान स्थित मानवता भलाई के पुंज सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा ने सुनी। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन आवाह्न पर शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स के जवान बिना किसी देरी के कुदरत द्वारा ढहाए गए इस जुल्म में सीमा पार पड़ोसी मुल्क की मदद हेतू पहुंचे तथा राहत एवं बचाव कार्योें में जुट गए। भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री की सबसे पहली खेप डेरा सच्चा सौदा द्वारा ही भेजी गई थी।
पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां व मानवता के प्रबल पहरेदार शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स के जवान नेपाल भूकंप पीड़ितों के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे। अपना घर-बार व पारिवारिक सदस्य खो चुके लोगों का पूज्य गुरू जी ने दु:ख, दर्द बांटा व उन्हें राहत सामग्री वितरित की। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों के साथ पूज्य गुरू जी ने पहाड़ी क्षेत्र के दुर्गम व जटिल रास्तों से होते हुए पीड़ितों की सार ली। भूकंप त्रासदी में गिरे मकानों के मलबे के नीचे दबे सामान को निकालने के लिए सेवादारों ने जी-जान से सेवा की। पूज्य गुरू जी ने अपने पावन कर कमलों से पीड़ितों को टेंट लगाकर दिये व घरेलू जरूरत का सामान वितरित किया। जीने की आशा छोड़ चुके इन लोगों को पूज्य गुरू जी ने अपने पावन वचनों से आत्मबल प्रदान किया व उन्हें नई राह दिखाई।
पर्वतीय क्षेत्र में भूकंप से ध्वस्त हो चुके मार्गों से होते हुए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने भूकंप पीड़ितों के घर-घर जाकर उनकी सहायता की। डेरा सच्चा सौदा द्वारा नेपाल के नूवाकोट व ललीतपुर जिले में 3332 परिवारों को टेंट लगाकर दिये व 4224 परिवारों को राशन बांटा गया। राहत टीम के साथ गई विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने 7 हजार 669 मरीजों का मेडिकल चैकअप कर नि:शुल्क दवाईयां बांटी गई।
पूज्य गुरू जी को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 1000 से अधिक जांबाज व 35 सदस्यीय चिकित्सकों की टीम लेकर नेपाल पहुंचे । राहत दल में 34 कैंटर राशन व पुनर्वास सामग्री, 2 अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाआें से सुसज्जित मोबाईल अस्पताल, 5 एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, 9 बसें व 8 इनोवा गाड़ियां शामिल थी। गृह मंत्रालय द्वारा डेरा सच्चा सौदा को नूवाकोट जिले की तहसील विदुर में भूकंप पीड़ितों को सहायता पहुंचाने का कार्य सौंपा। जिसके बाद पूज्य गुरू जी ने नुवाकोट जिले के प्रत्येक गांव में पहुंचे और घर-घर जाकर भूकम्पग्रस्त लोगों के दु:ख-दर्द को सांझा किया और उन्हें राहत सामग्री प्रदान की। पूज्य गुरू जी द्वारा गठित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने काठमांडू के नजदीक ललीतपुर जिले के सुनाकोठी, करकरी, मालेगांव, भंडारे किशन व माकुंडतोल व नूवाकोट
जिले के विदुर, पिपलटार, देवीघाट, मंदरीढूंगा, मुंथला, रातमाटे, जिलिंग, देवगढ़, समुंद्रनगर, दुआपीपल व तपचे में घरों में जाकर लोगों को राहत सामग्री व मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई। उल्लेखनीय है कि 25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप की जाकनारी मिलते ही डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने दो बार ‘धन धन सतगुरू तेरा ही आसरा’ का पवित्र नारा लगवाकर भूकंप में मारे गए लोगों की आत्माओं की शांति के लिए कामना की थी।
टेंट के साथ बांट रहे घरेलू सामान
सेवादारों द्वारा भूकंप पीड़ित लोगों को वस्त्र, कम्बल, रसोई का सामान जिसमें सूखा दूध, हल्दी, लाल मिर्च, मोमबत्ती, चीनी, चावल, आटा, नमक, माचिस, सरसों का तेल, थाली, कुक्कर व अन्य जरुरत की वस्तुएं दी जा रही है।
हजारों को मिली चिकित्सा
भूकंप पीड़ित लोगों के ईलाज करने के लिए डॉ. पीआर नैन, डॉ. आदित्य इन्सां, डॉ. दिनेश इन्सां, डॉ. मोहित इन्सां, डॉ. रोहित इन्सां सहित पैरामेडिकल स्टाफ के 40 सदस्य टीम ने सेवाएं प्रदान की। टीम में अति आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित दो मोबाइल अस्पताल, पांच एम्बूलेंस शामिल थी जिन्होंने विभिन्न शिविरों में 7 हजार 669 मरीजों का मेडिकल चैकअप कर सामान्य मरीजों की जांच कर उन्हें ट्रीटमेंट दिया गया।
बेजुबान का करवाया इलाज
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने भूकंप में आने से घायल हुई गाय का इलाज किया। घायल गाय को स्थानीय लोग चारा-पानी तो उपलब्ध करवाते रहे लेकिन उसका उपचार करवाने में असमर्थ थे। जिसका शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों को मिली तो उन्होंने तुरंत चिकित्सक को साथ ले जाकर गाय का इलाज करवाया।
शिक्षा मंदिरों का पुनर्निर्माण
भूकम्प से ध्वस्त हुए नुवाकोट जिले के देवीघाट स्थित श्रीरणभुवनेश्वरी उच्च माध्यमिक विद्यालय का पूज्य गुरू जी ने पुनर्निर्माण करवाया व 24 घंटे के भीतर ही 10 नए कमरे बनाकर दिए गए। उधर जालपापीठ स्थित श्री शहीद जगत प्रकाश जंग शाह सांस्कृतिक माध्यमिक विद्यालय का मुरम्मत कार्य भी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने कुछ ही घंटों में कर दिया। कार्य के तहत स्कूल की ध्वस्त हुई दीवारों को बनाने के साथ पूरे स्कूल को रंग-रोगन करने के अतिरिक्त लैब रूम, ब्लैक बोर्ड, डैस्क सहित स्कूल में आवश्यक सामान मुहैया करवाया गया।
संदीप कम्बोज
काठमांडू। 25 अप्रैल शनिवार, दोपहर 11:48 मिनट तक नेपाल में सब कुछ सामान्य था। रोजाना की तरह जिंदगी दौड़ रही थी। लोग अपने-अपने काम धंधों में लगे थे। एकाएक धरती हिली और ताश के पत्तों की मानिंद मकान ढ़हने लगे। देखते ही देखते गगनचुंबी इमारतों समेत आलीशान महल व भवन जमींदोंज हो गए। कोई कुछ समझ पाता, इतने में चहुंऔर हा-हाकार मच गया। हर तरफ चिख-चित्कार का आलम था। चंद लम्हों के भीतर ही भव्य व आलीशान भवन मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो गए और उनके भीतर जिंदा दफन हो गई हजारों जिंदगीयां। हजारों जानें चली गई, अनेकों माओं ने लाल खो दिए । किसी ने बाप खो दिया तो किसी बहन ने अपना भाई। अनेकों का सुहाग चला गया। कई ऐसे बदनसीब कि सब-कुछ तबाह गया। घर-बार के साथ-साथ उजड़ गया कारोबार। पड़ोसी मुल्क में विनाशकारी भूकंप द्वारा मचाई गई तबाही में अपना सब-कुछ गंवा चुके पीड़ितों व मलबे में दफन जिंदगी की भिख मांगती जिंदगीयों की चीखें हिन्दुस्तान स्थित मानवता भलाई के पुंज सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा ने सुनी। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन आवाह्न पर शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स के जवान बिना किसी देरी के कुदरत द्वारा ढहाए गए इस जुल्म में सीमा पार पड़ोसी मुल्क की मदद हेतू पहुंचे तथा राहत एवं बचाव कार्योें में जुट गए। भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री की सबसे पहली खेप डेरा सच्चा सौदा द्वारा ही भेजी गई थी।
पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां व मानवता के प्रबल पहरेदार शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स के जवान नेपाल भूकंप पीड़ितों के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे। अपना घर-बार व पारिवारिक सदस्य खो चुके लोगों का पूज्य गुरू जी ने दु:ख, दर्द बांटा व उन्हें राहत सामग्री वितरित की। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों के साथ पूज्य गुरू जी ने पहाड़ी क्षेत्र के दुर्गम व जटिल रास्तों से होते हुए पीड़ितों की सार ली। भूकंप त्रासदी में गिरे मकानों के मलबे के नीचे दबे सामान को निकालने के लिए सेवादारों ने जी-जान से सेवा की। पूज्य गुरू जी ने अपने पावन कर कमलों से पीड़ितों को टेंट लगाकर दिये व घरेलू जरूरत का सामान वितरित किया। जीने की आशा छोड़ चुके इन लोगों को पूज्य गुरू जी ने अपने पावन वचनों से आत्मबल प्रदान किया व उन्हें नई राह दिखाई।
पर्वतीय क्षेत्र में भूकंप से ध्वस्त हो चुके मार्गों से होते हुए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने भूकंप पीड़ितों के घर-घर जाकर उनकी सहायता की। डेरा सच्चा सौदा द्वारा नेपाल के नूवाकोट व ललीतपुर जिले में 3332 परिवारों को टेंट लगाकर दिये व 4224 परिवारों को राशन बांटा गया। राहत टीम के साथ गई विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने 7 हजार 669 मरीजों का मेडिकल चैकअप कर नि:शुल्क दवाईयां बांटी गई।
पूज्य गुरू जी को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 1000 से अधिक जांबाज व 35 सदस्यीय चिकित्सकों की टीम लेकर नेपाल पहुंचे । राहत दल में 34 कैंटर राशन व पुनर्वास सामग्री, 2 अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाआें से सुसज्जित मोबाईल अस्पताल, 5 एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, 9 बसें व 8 इनोवा गाड़ियां शामिल थी। गृह मंत्रालय द्वारा डेरा सच्चा सौदा को नूवाकोट जिले की तहसील विदुर में भूकंप पीड़ितों को सहायता पहुंचाने का कार्य सौंपा। जिसके बाद पूज्य गुरू जी ने नुवाकोट जिले के प्रत्येक गांव में पहुंचे और घर-घर जाकर भूकम्पग्रस्त लोगों के दु:ख-दर्द को सांझा किया और उन्हें राहत सामग्री प्रदान की। पूज्य गुरू जी द्वारा गठित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने काठमांडू के नजदीक ललीतपुर जिले के सुनाकोठी, करकरी, मालेगांव, भंडारे किशन व माकुंडतोल व नूवाकोट
जिले के विदुर, पिपलटार, देवीघाट, मंदरीढूंगा, मुंथला, रातमाटे, जिलिंग, देवगढ़, समुंद्रनगर, दुआपीपल व तपचे में घरों में जाकर लोगों को राहत सामग्री व मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई। उल्लेखनीय है कि 25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप की जाकनारी मिलते ही डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने दो बार ‘धन धन सतगुरू तेरा ही आसरा’ का पवित्र नारा लगवाकर भूकंप में मारे गए लोगों की आत्माओं की शांति के लिए कामना की थी।
टेंट के साथ बांट रहे घरेलू सामान
सेवादारों द्वारा भूकंप पीड़ित लोगों को वस्त्र, कम्बल, रसोई का सामान जिसमें सूखा दूध, हल्दी, लाल मिर्च, मोमबत्ती, चीनी, चावल, आटा, नमक, माचिस, सरसों का तेल, थाली, कुक्कर व अन्य जरुरत की वस्तुएं दी जा रही है।
हजारों को मिली चिकित्सा
भूकंप पीड़ित लोगों के ईलाज करने के लिए डॉ. पीआर नैन, डॉ. आदित्य इन्सां, डॉ. दिनेश इन्सां, डॉ. मोहित इन्सां, डॉ. रोहित इन्सां सहित पैरामेडिकल स्टाफ के 40 सदस्य टीम ने सेवाएं प्रदान की। टीम में अति आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित दो मोबाइल अस्पताल, पांच एम्बूलेंस शामिल थी जिन्होंने विभिन्न शिविरों में 7 हजार 669 मरीजों का मेडिकल चैकअप कर सामान्य मरीजों की जांच कर उन्हें ट्रीटमेंट दिया गया।
बेजुबान का करवाया इलाज
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने भूकंप में आने से घायल हुई गाय का इलाज किया। घायल गाय को स्थानीय लोग चारा-पानी तो उपलब्ध करवाते रहे लेकिन उसका उपचार करवाने में असमर्थ थे। जिसका शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों को मिली तो उन्होंने तुरंत चिकित्सक को साथ ले जाकर गाय का इलाज करवाया।
शिक्षा मंदिरों का पुनर्निर्माण
भूकम्प से ध्वस्त हुए नुवाकोट जिले के देवीघाट स्थित श्रीरणभुवनेश्वरी उच्च माध्यमिक विद्यालय का पूज्य गुरू जी ने पुनर्निर्माण करवाया व 24 घंटे के भीतर ही 10 नए कमरे बनाकर दिए गए। उधर जालपापीठ स्थित श्री शहीद जगत प्रकाश जंग शाह सांस्कृतिक माध्यमिक विद्यालय का मुरम्मत कार्य भी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने कुछ ही घंटों में कर दिया। कार्य के तहत स्कूल की ध्वस्त हुई दीवारों को बनाने के साथ पूरे स्कूल को रंग-रोगन करने के अतिरिक्त लैब रूम, ब्लैक बोर्ड, डैस्क सहित स्कूल में आवश्यक सामान मुहैया करवाया गया।
जहां भी आई आफत, डेरा सच्चा सौदा ने पहुंचाई राहत
प्राकृतिक आपदाओं के समय मद्दगार बनी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग
पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार हर समय प्राकृतिक या कृत्रिम आपदाओं से पीड़ित लोगों की मदद के लिए हर समय तैयार रहते हैं। सेवादारों द्वारा आपदाओं में की गई सेवा के कुछ अंश इस प्रकार हैं।
1. 2001 में गुजरात के भूज क्षेत्र में आए भूकंप में पीड़ितों की मदद के लिए पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां साध-संगत के साथ सहायता के लिए पहुंचे थे और 47 गांव गोद लेकर उनके पूनर्वास का प्रबंध किया गया था।
2. 26 दिसंबर 2004 को दक्षिण एशिया में आए समुंद्री तूफान के समय अंडमान-निकोबार के कचाल व कमेटी द्वीप पर शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार पहुंच गए, यहां पर राहत सामग्री पहुंचाने वाली डेरा सच्चा सौदा पहली संस्था थी। भयानक हालातों के बावजूद सेवादारों ने हजारों पीड़ित लोगों को 2.5 टन राहत सामग्री बांटी, जिसमें दैनिक प्रयोग की वस्तुएं वस्वास्थ्य सेवाएं शामिल थी।
3. सन् 2004 में बिहार में बाढ़ के दौरान दरभंगा जिला के 400 गांवों में राहत सामग्री बांटी गई। खाद्य सामग्री से भरे 4 ट्रक, 22 कैंटर व 4 जीपों को बिहार भेजा गया।
4. फरवरी 2005 में जम्मू-कशमीर में हिमपात से तबाही के बाद डेरा सच्चा सौदा द्वारा अनंतनाग जिले के 60 गांवों में 4760 परिवारों को 1100 क्विंटल चावल, 270 क्विंटल दाल व 80 क्विंटल नमक सहित अन्य खाद्य सामग्री बांटी गई।
5. अक्तूबर 2005 मे जम्मू-कश्मीर में आए भूकंप के दौरान तीन हजार परिवारों को राहत सामग्री एव नये मकान बनाकर दिये गए।
6. 2006 में बाड़मेर (राजस्थान) में बाढ़ के दौरान 1236 परिवारों को राहत सामग्री घर-घर जाकर बांटी गई। यहां पूज्य गुरु जी के पावन सानिध्य में 22 घंटों में 30 गुणा 45 साईस के 38 कमरों का निर्माण कर प्रभावित लोगों के पुुनर्वास का प्रबंध किया गया।
7. सन् 2008 में बिहार में आई बाढ़ के दौरान डेरा सच्चा सौदा ने जिला सहरसा के पीड़ितों को 218 क्विंटल चावल, 70 क्विंटल दाल, नये कपड़े, मिनरल वाटर, बर्तनों के 500 सेट, 70 कार्टून बिस्कुट व दवाइयां बांटी। इसके अलावा दैनिक प्रयोग की वस्तुएं जैसे चाय, चीनी, मसाले इत्यादि भी वितरित किये गए। इतना ही नहीं पीड़ितों हेतु साध-संगत 65 यूनिट रक्तदान भी किया गया।
8. 6 अप्रैल, 2009 को इटली में आए भयानक भूकंप में 260 लोग मारे गए जबकि 1,000 लोग घायल व 28000 लोग बे-घर हो गए थे। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के जवानों ने वेरोना से लाकुला तक 900 किमी का सफर तय कर भूकंप पीड़ितों की मद्द के लिए खाद्य सामग्री के साथ पहुंचे। इसके अतिरित भूकंप पीड़ितों के लिए रक्तदान शिविर भी किया गया।
9. जिला सरसा में 2010 में घग्गर की बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया, जगह-जगह घग्गर में आई दरारों को भरने और राहत सामग्री बांटने का कार्य डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
10. 2010 में दिल्ली के लक्ष्मी नगर में 5 मंजिला इंमारत गिरी, जिसमें शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग ने मौके पर पहुंकर मलबे के नीचे दबे लोगों जिन्दा बाहर निकाला व उनकी संभाल की।
11. 17 अप्रैल, 2012 को जालंधर की शीतल फाइबर इंडस्ट्री में जोरदार धमाका हुआ व बेसमेंट को छोड़कर पूरा हिस्सा मलबे में तबदील हो गया। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 1500 जवानों ने पहुंचकर मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुट गए। सेवादारों ने 59 लोगों को जीवित बाहर निकला व घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाकर उनके इलाज में सेवादारों द्वारा पूरा सहयोग दिया गया। इतना ही नहीं पीड़ितों के खाने-पीने व दवाईयों के इंतजाम के साथ सेवादारों ने रक्तदान भी किया। सेवादारों के इस महान कार्य की प्रशंसा करते हुए 2012 में पंजाब सरकार द्वारा इन्हें सम्मानित भी किया।
12. 21 अप्रैल, 2012 की रात को दार्जलिंग में भीषण आग लगी, जिसने 100 दुकानों व दो-पांच मंजिला होटलों को अपनी चपेट में ले लिया। उन दिनों पूज्य गुरु जी सैकड़ों अनुयायियों के साथ रूहानी यात्रा के लिए दार्जलिंग में ठहरे हुए थे। आग की सूचना मिलते ही 1000 सेवादार 20-25 मिनटों में वहां पहुंच गए। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्यों ने अपनी जान की परवाह किये बिना आग को बुझाया व इमारतों में फंसे लोगों व उनके सामान को बाहर निकाला। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग की दमकल गाड़ी व मोबाइल अस्पताल ‘फरिश्ता’ ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
13. मोगा के प्रीत नगर मौहल्ले में अवैध रूप से एक घर मेंं चलाई जा रही पटाखे की फैक्ट्री में 14 अप्रैल 2012 को धमाका होने से मकान का लैंटर गिर गया। घटना की जानकारी मिलते ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के जवानों ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया तथा मलबे में दबे तीन घायल व्यक्त्यिों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
14. एक मई 2012 की सुबह पंजाब में लालडू के नजदीक कसौली गांव में दशमेश मेडिकेयर फटने से पूरी फैक्ट्री में आग लग गई। यहां 100 से अधिक सेवादारों ने आग को बुझाया व घायलों को अस्पतालों में भर्ती करवाया।
15. 2012 में पंजाब प्रांत के भटिंडा के थर्मल प्लांट के नजदीक अदानी विलमीर लिमिटेड के वनस्पति तेलों के गोदाम में अचानक भीषण आग लग गई। सूचना मिलते ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने आग से सिर्फ 3 फुट दूरी पर पड़े घी के टीन बाहर निकाले। सेवादारों के जज्बे को देखकर हर कोई दंग था।
16. 16 मई, 2012 को चंडीगढ़ की फर्नीचर मार्केट में आचनक आग लग गई। आग ने मार्केट में बनी 21 दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना मिलते ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 500 से अधिक जवानों ने दुकानोें में लगी आग बुझाने के साथ-साथ दुकानों में रखे लाखों के फर्नीचर सामान को बाहर निकाला।
17. 4 सितंबर, 2012 को कुंए मेें मिट्टी की तह गिरने से ईटें निकाल रहे दो मजदूर उसमें दब गए। करीब 7 घटों की कड़ी मशक्कत के बाद शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने एक मजदूर को जिंदा बाहर निकाला।
18. 23 अगस्त को बीकानेर से श्यामलाल मेले में गया था। जहां इंदिरा गांधी नहर में नहाते समय एक व्यक्ति का पैर फिसल गया और वह नदी में डूबने लगा। इस दौरान मौके पर खड़े हजारों लोग उसे डूबता देख रहे थे, लेकिन कोई उसकी मद्द को आगे नहीं आया। इस दौरान डेरा अनुयायी जाबांज श्यामलाल ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नहर में छलांग लाकर उस व्यक्ति की जान बचाई।
19. 2013 में उत्तराखंड में हुई त्रासदी के पीड़ितों के लिए पूज्य गुरु जी द्वारा 21 जून, 2013 को 7 ट्रक पशुओं को चारा भेजा गया, जोकि लगभग 7000 परिवारों को पशुधन हेतु बांटा गया।
20. पूज्य गुरू जी द्वारा 9 जुलाई 2013 को 32 कैं टरों में उत्तराखंड के पीड़ितों हेतु जरूरी सामान और 200 लोगों की टीमें भेजी, जिनमें स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी शामिल थे। राहत सामग्री से भरे इन ट्रकों में आटा, चावल, दाल, चीनी, चाय पत्ती, नमक, मिर्च, हल्दी, सरसों का तेल, टार्च, बर्तन, कूकर, थाली सहित अन्य जरूरत का सामान था, जोकि घर-घर जाकर 10,000 परिवारों को सेवादारों ने बांटा। इसके साथ ही डेरा सच्चा सौदा द्वारा एक मोबाईल अस्पताल ‘फरिश्ता’ भी भेजा गया, जिसमें आधुनिक चिकित्सा की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। ये सभी सेवाएं पीड़ितों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई थीं। इतना ही नहीं पीड़ितों को सेवादारों द्वारा मकान बनाकर भी दिये गए।
21. 2012 में जयपुर में आई बाढ़ के दौरान सेवादारों द्वारा हजारों परिवारों को राहत सामग्री बांटी गई।
22. 7 अगस्त 2013 को 7 ट्रक पशु चारा, राहत सामग्री,5 केंटर हरिद्वार जिला के लक्सर व खानपुर क्षेत्र में बांटी गई।
23. 18 सितम्बर 2014 को जम्मू-कश्मीर में आई बढ़ ग्रस्त क्षेत्रों 25 केंटर, 15 छोटी गाड़ियां व मोबाइल हस्पताल भेजा गया व वहां जाकर 600 यूनिट रक्तदान भी किया गया।
पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार हर समय प्राकृतिक या कृत्रिम आपदाओं से पीड़ित लोगों की मदद के लिए हर समय तैयार रहते हैं। सेवादारों द्वारा आपदाओं में की गई सेवा के कुछ अंश इस प्रकार हैं।
1. 2001 में गुजरात के भूज क्षेत्र में आए भूकंप में पीड़ितों की मदद के लिए पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां साध-संगत के साथ सहायता के लिए पहुंचे थे और 47 गांव गोद लेकर उनके पूनर्वास का प्रबंध किया गया था।
2. 26 दिसंबर 2004 को दक्षिण एशिया में आए समुंद्री तूफान के समय अंडमान-निकोबार के कचाल व कमेटी द्वीप पर शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार पहुंच गए, यहां पर राहत सामग्री पहुंचाने वाली डेरा सच्चा सौदा पहली संस्था थी। भयानक हालातों के बावजूद सेवादारों ने हजारों पीड़ित लोगों को 2.5 टन राहत सामग्री बांटी, जिसमें दैनिक प्रयोग की वस्तुएं वस्वास्थ्य सेवाएं शामिल थी।
3. सन् 2004 में बिहार में बाढ़ के दौरान दरभंगा जिला के 400 गांवों में राहत सामग्री बांटी गई। खाद्य सामग्री से भरे 4 ट्रक, 22 कैंटर व 4 जीपों को बिहार भेजा गया।
4. फरवरी 2005 में जम्मू-कशमीर में हिमपात से तबाही के बाद डेरा सच्चा सौदा द्वारा अनंतनाग जिले के 60 गांवों में 4760 परिवारों को 1100 क्विंटल चावल, 270 क्विंटल दाल व 80 क्विंटल नमक सहित अन्य खाद्य सामग्री बांटी गई।
5. अक्तूबर 2005 मे जम्मू-कश्मीर में आए भूकंप के दौरान तीन हजार परिवारों को राहत सामग्री एव नये मकान बनाकर दिये गए।
6. 2006 में बाड़मेर (राजस्थान) में बाढ़ के दौरान 1236 परिवारों को राहत सामग्री घर-घर जाकर बांटी गई। यहां पूज्य गुरु जी के पावन सानिध्य में 22 घंटों में 30 गुणा 45 साईस के 38 कमरों का निर्माण कर प्रभावित लोगों के पुुनर्वास का प्रबंध किया गया।
7. सन् 2008 में बिहार में आई बाढ़ के दौरान डेरा सच्चा सौदा ने जिला सहरसा के पीड़ितों को 218 क्विंटल चावल, 70 क्विंटल दाल, नये कपड़े, मिनरल वाटर, बर्तनों के 500 सेट, 70 कार्टून बिस्कुट व दवाइयां बांटी। इसके अलावा दैनिक प्रयोग की वस्तुएं जैसे चाय, चीनी, मसाले इत्यादि भी वितरित किये गए। इतना ही नहीं पीड़ितों हेतु साध-संगत 65 यूनिट रक्तदान भी किया गया।
8. 6 अप्रैल, 2009 को इटली में आए भयानक भूकंप में 260 लोग मारे गए जबकि 1,000 लोग घायल व 28000 लोग बे-घर हो गए थे। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के जवानों ने वेरोना से लाकुला तक 900 किमी का सफर तय कर भूकंप पीड़ितों की मद्द के लिए खाद्य सामग्री के साथ पहुंचे। इसके अतिरित भूकंप पीड़ितों के लिए रक्तदान शिविर भी किया गया।
9. जिला सरसा में 2010 में घग्गर की बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया, जगह-जगह घग्गर में आई दरारों को भरने और राहत सामग्री बांटने का कार्य डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
10. 2010 में दिल्ली के लक्ष्मी नगर में 5 मंजिला इंमारत गिरी, जिसमें शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग ने मौके पर पहुंकर मलबे के नीचे दबे लोगों जिन्दा बाहर निकाला व उनकी संभाल की।
11. 17 अप्रैल, 2012 को जालंधर की शीतल फाइबर इंडस्ट्री में जोरदार धमाका हुआ व बेसमेंट को छोड़कर पूरा हिस्सा मलबे में तबदील हो गया। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 1500 जवानों ने पहुंचकर मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुट गए। सेवादारों ने 59 लोगों को जीवित बाहर निकला व घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाकर उनके इलाज में सेवादारों द्वारा पूरा सहयोग दिया गया। इतना ही नहीं पीड़ितों के खाने-पीने व दवाईयों के इंतजाम के साथ सेवादारों ने रक्तदान भी किया। सेवादारों के इस महान कार्य की प्रशंसा करते हुए 2012 में पंजाब सरकार द्वारा इन्हें सम्मानित भी किया।
12. 21 अप्रैल, 2012 की रात को दार्जलिंग में भीषण आग लगी, जिसने 100 दुकानों व दो-पांच मंजिला होटलों को अपनी चपेट में ले लिया। उन दिनों पूज्य गुरु जी सैकड़ों अनुयायियों के साथ रूहानी यात्रा के लिए दार्जलिंग में ठहरे हुए थे। आग की सूचना मिलते ही 1000 सेवादार 20-25 मिनटों में वहां पहुंच गए। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्यों ने अपनी जान की परवाह किये बिना आग को बुझाया व इमारतों में फंसे लोगों व उनके सामान को बाहर निकाला। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग की दमकल गाड़ी व मोबाइल अस्पताल ‘फरिश्ता’ ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
13. मोगा के प्रीत नगर मौहल्ले में अवैध रूप से एक घर मेंं चलाई जा रही पटाखे की फैक्ट्री में 14 अप्रैल 2012 को धमाका होने से मकान का लैंटर गिर गया। घटना की जानकारी मिलते ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के जवानों ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया तथा मलबे में दबे तीन घायल व्यक्त्यिों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
14. एक मई 2012 की सुबह पंजाब में लालडू के नजदीक कसौली गांव में दशमेश मेडिकेयर फटने से पूरी फैक्ट्री में आग लग गई। यहां 100 से अधिक सेवादारों ने आग को बुझाया व घायलों को अस्पतालों में भर्ती करवाया।
15. 2012 में पंजाब प्रांत के भटिंडा के थर्मल प्लांट के नजदीक अदानी विलमीर लिमिटेड के वनस्पति तेलों के गोदाम में अचानक भीषण आग लग गई। सूचना मिलते ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने आग से सिर्फ 3 फुट दूरी पर पड़े घी के टीन बाहर निकाले। सेवादारों के जज्बे को देखकर हर कोई दंग था।
16. 16 मई, 2012 को चंडीगढ़ की फर्नीचर मार्केट में आचनक आग लग गई। आग ने मार्केट में बनी 21 दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना मिलते ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के 500 से अधिक जवानों ने दुकानोें में लगी आग बुझाने के साथ-साथ दुकानों में रखे लाखों के फर्नीचर सामान को बाहर निकाला।
17. 4 सितंबर, 2012 को कुंए मेें मिट्टी की तह गिरने से ईटें निकाल रहे दो मजदूर उसमें दब गए। करीब 7 घटों की कड़ी मशक्कत के बाद शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने एक मजदूर को जिंदा बाहर निकाला।
18. 23 अगस्त को बीकानेर से श्यामलाल मेले में गया था। जहां इंदिरा गांधी नहर में नहाते समय एक व्यक्ति का पैर फिसल गया और वह नदी में डूबने लगा। इस दौरान मौके पर खड़े हजारों लोग उसे डूबता देख रहे थे, लेकिन कोई उसकी मद्द को आगे नहीं आया। इस दौरान डेरा अनुयायी जाबांज श्यामलाल ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नहर में छलांग लाकर उस व्यक्ति की जान बचाई।
19. 2013 में उत्तराखंड में हुई त्रासदी के पीड़ितों के लिए पूज्य गुरु जी द्वारा 21 जून, 2013 को 7 ट्रक पशुओं को चारा भेजा गया, जोकि लगभग 7000 परिवारों को पशुधन हेतु बांटा गया।
20. पूज्य गुरू जी द्वारा 9 जुलाई 2013 को 32 कैं टरों में उत्तराखंड के पीड़ितों हेतु जरूरी सामान और 200 लोगों की टीमें भेजी, जिनमें स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी शामिल थे। राहत सामग्री से भरे इन ट्रकों में आटा, चावल, दाल, चीनी, चाय पत्ती, नमक, मिर्च, हल्दी, सरसों का तेल, टार्च, बर्तन, कूकर, थाली सहित अन्य जरूरत का सामान था, जोकि घर-घर जाकर 10,000 परिवारों को सेवादारों ने बांटा। इसके साथ ही डेरा सच्चा सौदा द्वारा एक मोबाईल अस्पताल ‘फरिश्ता’ भी भेजा गया, जिसमें आधुनिक चिकित्सा की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। ये सभी सेवाएं पीड़ितों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई थीं। इतना ही नहीं पीड़ितों को सेवादारों द्वारा मकान बनाकर भी दिये गए।
21. 2012 में जयपुर में आई बाढ़ के दौरान सेवादारों द्वारा हजारों परिवारों को राहत सामग्री बांटी गई।
22. 7 अगस्त 2013 को 7 ट्रक पशु चारा, राहत सामग्री,5 केंटर हरिद्वार जिला के लक्सर व खानपुर क्षेत्र में बांटी गई।
23. 18 सितम्बर 2014 को जम्मू-कश्मीर में आई बढ़ ग्रस्त क्षेत्रों 25 केंटर, 15 छोटी गाड़ियां व मोबाइल हस्पताल भेजा गया व वहां जाकर 600 यूनिट रक्तदान भी किया गया।
0 टिप्पणियाँ