इंसानियत का सच्चा कारखाना डेरा सच्चा सौदा

गजब। ऐतिहासिक दिवसों को मनाने का अनोखा तरीका, बुराइयां छोड़ने को एक साथ उठते हैं लाखों हाथ

                               इंसानियत का सच्चा कारखाना

पूज्य गुरू जी के पावन आह्वान पर करोड़ों लोग कर चुके हैं तौबा
बुरी आदतें व बुराईयां छोड़कर अच्छी आदतें अपनाने के अब तक लिए
हैं 108 संकल्प

संदीप कम्बोज
सरसा। दुनियाभर में मानवता भलाई कार्यों का डंका बजाने वाला सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा सामाजिक बुराईयों के खिलाफ लगातार अलख जगाता आ रहा है। यह डेरा सच्चा सौदा की पवित्र शिक्षाओं का ही परिणाम है कि आज नर्क जैसी बदतर जिंदगी जीने वाले करोड़ों लोगों का जीवन खुशहाल हो गया। ऐसे यहां एक नहीं बल्कि करोड़ों उदाहरण हैं। इसे अगर इंसानियत का सच्चा कारखाना भी कहा जाए तो कोई अतियशेक्ति नहीं। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए अब तक करोड़ों लोग जीवन में कभी भी किसी तरह के नशे, शराब व मांस आदि का सेवन न करने के अलावा मानवता व समाज भलाई को समर्पित मरणोपरांत शरीरदान,जीते-जी गुर्दादान, नेत्रदान, नियमित रक्तदान समेत अनेक तरह के प्रण कर चुकी है और यह सिलसिला लगातार जारी है। यहां पूज्य गुरू जी के एक आह््वान पर सामाजिक बुराइयां व बुरी आदतें त्याग अच्छी आदतें अपनाने को एक साथ करोड़ों हाथ खड़े हो जाते हैं जो कि जमाने के लिए एक मिसाल है। लोग दिल से बुरी आदतें त्यागने की तौबा तो करते ही हैं और साथ ही भविष्य में नेक इंसान बन नेकी,भलाई व इंसानियत के मार्ग पर चलने का वादा भी। ऐतिहासिक दिवसों को मनाने का ऐसा अनोखा तरीका आपने दुनिया में कहीं न देखा और न ही सुना होगा। ऐतिहासिक दिवसों से हमारा तात्पर्य डेरा सच्चा सौदा के पवित्र माह जैसे कि पावन जनवरी, पावन अगस्त व पावन नवंबर माह जिसमें डेरा सच्चा सौदा की तीनों पातशाहीयों ने पावन अवतार लिया। उल्लेखनीय है कि बुराईयां त्यागने की मुहिम में रूहानी सत्संग व रूहानी मजलिस में पूज्य गुरू जी के आवाह्न पर हजारों की तादाद में उपस्थित साध-संगत एक साथ हाथ उठाकर बुराइयां त्यागने का संकल्प लेती है। सालभर पहले दो नवंबर 2013 को शुरू हुए बुरी इस ऐतिहासिक व अनोखे कार्य के तहत पूज्य गुरू जी के पावन आवाह्न पर डेरा सच्चा सौदा की करोड़ों लोग अब तक अपने जीवन में व्याप्त 108 बुराईयां व बुरी आदतें त्यागकर अच्छाई ,नेकी व इंसानियत के मार्ग पर चलने का संकल्प ले चुके हैं।




इस तरह चला बुराइयां छोड़कर अच्छाई,नेकी व इंसानियत के मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का सिलसिला

1:-मन व मनमत्ते लोगों की नहीं सुनेंगे। 2 नवम्बर 2013
2:-कभी गुस्सा क्रोध नहीं करेंगे। 3 नवम्बर 2013
3:-कभी निंदा चुगली नहीं करेंगे। 7 नवम्बर 2013
4:-कभी कड़वा नहीं बोलेंगे। 9 नवम्बर 2013
5:-आश्रम, घर व आस-पास सफाई का ध्यान रखेंगे। 11 नवम्बर 2013
6:-कभी किसी से ईष्या, द्वेष नहीं करेंगे। 12 नवम्बर 2013
7:-अपने सतगुरु पर दृढ़ विश्वास रखेंगे और अपने गुरु के बराबर कभी किसी को नहीं समझेंगे। 17 नवम्बर 2013
8:-साप्ताहिक व ब्लॉक की नामचर्चा में जरुर जाया करेंगे। 23 नवम्बर 2013
9:-न किसी का बुरा चाहेंगे न करेंगे। 26 नवम्बर 2013
10:-पूरी अणख व गैरत से राम-नाम के मार्ग पर चलेंगे और अपने सतगुरु की आन-बान-शान के लिए मर मिटेंगे। 30 नवम्बर 2013

जनवरी 2014
11:-कभी किसी की टांग खिंचाई नहीं करेंगे। 1 जनवरी 2014
12:-पिता जी के वचनों (व्याख्या) का कभी बुरा नहीं मानेंगे। 1 जनवरी 2014
13:-कभी पराया हक नहीं खाएंगे और किसी से उधार लेकर नहीं रखेंगे, समय पर लौटाएंगे। 4 जनवरी 2014
14:-कभी बुरी सगंति में नहीं पड़ेंगे। 5 जनवरी 2014
15:-कहीं भी कोई अश्लीलता जैसे इंटरनेट, टी.वी., पत्रिका इत्यादि में हो तो
      उससे हमेशा परहेज रखेंगे। 8 जनवरी 2014
16:-कभी कोई अंहकार नहीं करेंगे।  9 जनवरी 2014
17:-दूसरों की अच्छाई से जलने की बजाए वह गुण अपने अन्दर  लाने की
      कोशिश करेंगे। 9 जनवरी 2014
18:-कभी किसी पर कोई टोंट नहीं कसेंगे जिससे उसका दिल दुखे। 9 जनवरी 14
19:-दूसरों के अवगुण देखने की बजाए अपने अवगुण देखेंगे और उन्हें दूर
      करेंगे। 10 जनवरी 14
20:-व्यवहार व लेन-देन के सच्चे व खरे बनेंगे। 10 जनवरी 2014
21:-न कभी किसी पर पाप जुल्म करेंगे और न सहन करेंगे। 11 जनवरी 14
22:-कभी किसी पाखंड व बहमों में नहीं पड़ेंगे।  11 जनवरी 14
23:-कभी किसी से ऊंच-नीच व जात-पात का भेदभाव नहीं करेंगे और न ही ऐसा टोंट कसेंगे। 12  जनवरी 14
24:-कभी किसी से ठग्गी-बेईमानी नहीं करेंगे।  12 जनवरी 14 
25:-किसी को बुरे कामों के लिए न उकसाएंगे और न ही किसी के उकसावे में आएंगे। 13 जनवरी 14
26:-किसी की तरक्की में (नेक कार्य में) रुकावट नही बनेंगे। हो सके तो साथ देंगे। 14 जनवरी 14
27:-सुबह शाम कम से कम 15 मिनट तो अवश्य ही व इससे भी अधिक जितना हो सकेगा सुमिरन अवश्य किया करेंगे। 18 जनवरी 2014
28:-सतगुरु के अहसान को कभी नहीं भूलेंगे, हमेशा सतगुरु का शुक्राना करेंगे। 18 जनवरी 2014
29:-बात-बात पर नारा नहीं लगाएंगे अगर नारा लगाते हैं तो उस पर हमेशा कायम रहेंगे। 18 जनवरी 2014
30:-कठिन परिस्थितियों में डांवाडोल नहीं होंगे। हमेशा अपने सतगुरु पर दृढ़  विश्वास रखेंगे। 19 जनवरी 2014
31:-सतगुरु के सामने कभी झूठ नहीं बोलेंगे। 20 जनवरी 2014
32:-सत्संग व मजलिस के दौरान कभी भी आपस में फिजूल बातचीत नहीं करेंगे। 21 जनवरी 2014
33:-बेटा-बेटी को एक समान समझेंगे और बहु व बेटी में भेदभाव नहीं करेंगे।
      21 जनवरी 2014
34:-सेवा के समय किसी किस्म का पक्षपात या भाई-भतीजावाद नहीं करेंगे। 21 जनवरी 2014
35:-कभी कानों के कच्चे नहीं बनेंगे, सुनी-सुनाई बातों के आधार पर कभी किसी के प्रति गलत धारणा नहीं बनाएंगे। 23 जनवरी 2014
36:-पूज्य पिता जी के वचनों में अपने स्वार्थ के लिए अपनी ओर से कुछ जोड़कर या कांट-छांट करके किसी को नहीं बताएंगे। 23 जनवरी 2014
37:-कभी बाल-मजदूरी नहीं करवाएंगे बल्कि बाल मजदूरी के मजबूर बच्चों की यथासंभव मदद करेंगे। 24 जनवरी 2014
38:-मजलिस व सत्संग की समाप्ति के बाद जब तक पूज्य पिता जी के वचनों अनुसार स्टेज से जाने की इजाजत नहीं मिलती तब तक उठा नहीं करेंगे। 24 जनवरी 2014
39:-सेवा के समय ध्यान अपनी डयूटी पर ही रखेंगे और यथासंभव सिमरन भी करेंगे। कभी कड़वा व गलत नहीं बोलेंगे। 24 जनवरी 2014
40:-कभी किसी इन्सान के पीछे नहीं लगेंगे हमेशा अपने सतगुरु के वचनों को ही मानेंगे। 25 जनवरी 2014
41:-भक्ति करेंगे लेकिन भक्ति का दिखावा नहीं करेंगे। 25 जनवरी 2014
42:-बच्चा अगर गलती करता है तो उसे यह कहकर नहीं डराएंगे कि पिता जी नाराज हो जाएंगे बल्कि यह कहेंगे कि अगर आप गलत काम नहीं करोगे,      अच्छे काम करोगे तो पूज्य पिता जी खुशियां देंगे। 25 जनवरी 2014
43:-अभद्र भाषा (गाली-गलौच) का प्रयोग नहीं करेंगे। 26 जनवरी 2014
44:-डयूटी पर मौजूद सेवादारों का पूरा सहयोग करेंगे और सेवादार भी साध-संगत के साथ मीठा बोलेंगे। 27 जनवरी 2014
45:-पति-पत्नी अपने सास-ससुर का अपने मां-बाप की तरह इज्जत सत्कार करेंगे। 27 जनवरी 2014
46:-किसी को दुखी देखकर उस पर हंसेंगे नहीं बल्कि उसके दुख में शामिल होकर यथासंभव उसके दुख को दूर करने की कोशिश करेंगे। 27 जनवरी 2014
47:-अपने पशु को जब वह काम का नहीं रहता (दूध या खेतीबाड़ी के काम के लायक नहीं रहता) उसे अवारा नहीं छोड़ंगे, उसकी संभाल करेंगे या गऊशाला में ही छोडेंÞगे। 29 जनवरी 2014
48:-शादी से पहले कोशिश करके ब्रहचार्य का पालन करेंगे और शादी के बाद संयम रखेंगे। 30 जनवरी 2014

अगस्त 2014
49:-खाना-खाते समय टी.वी. पर कुछ गलत देखने के बजाए यथा सम्भव पूज्य पिता जी के भजन या वचन ही सुनेंगे। 1 अगस्त 2014
50:-खाली समय में व्यर्थ की बातचीत के बजाए यथासम्भव भजन-सिमरन करेंगे। 3 अगस्त 2014
51:-किसी के गलत कहने, किसी की बातों या बहकावे में आकर कभी सेवा,सत्संग नहीं छोड़ेंगे। 3 अगस्त 2014
52:-कभी कोई ऐसा कर्म नहीं करेंगे जिससे गुरु की शान को ठेस पहुंचे।
      6 अगस्त 2014
53:-फिजूल में पानी बर्बाद नहीं करेंगे। आवश्यकतानुसार ही पानी का इस्तेमाल करेंगे। 6 अगस्त 2014
54:-किसी बेगुनाह पर झूठा आरोप नहीं लगाएंगे। 14 अगस्त 2014
55:-बेवजह पेड़ नहीं काटेंगे बल्कि पेड़-पौधे लगाऐंगे व उनकी सम्भाल भी करेंगे। 14 अगस्त 2014
56:-अपने सुख-आराम के लिए कभी किसी को दुख नहीं देंगे। 14 अगस्त 2014
57:-भोजन हमेशा आवश्यकता अनुसार लेंगे, कभी भोजन की बर्बादी नहीं करेंगे। 14 अगस्त 2014
58:-आलस त्यागकर नियमित कसरत किया करेंगे। 14 अगस्त 2014
59:-बच्चों में अच्छे संस्कार भरेंगे। 14 अगस्त 2014
60:-खाना-खाते व बनाते समय सिमरन किया करेंगे। 14 अगस्त 2014
61:-कभी जूआ सट्टा नहीं खेलेंगे। 14 अगस्त 2014
62:-छोटी-छोटी बातों पर आपस में मनमुटाव नहीं करेंगे। 14 अगस्त 2014
63:-हमेशा साध-संगत के साथ एकता में रहेंगे, कभी किसी के पीछे नहीं लगेंगे। 14 अगस्त 2014
64:-हमेशा नारा पूरा लगाएंगे, कभी अधूरा नारा नहीं बोलेंगे। 15 अगस्त 2014
65:-यातायात के नियमों का पालन करेंगे। 31 अगस्त 2014
66:-रूहानी जाम पीने के बाद अपने नाम के साथ इन्सां अवश्य लगाएंगे।
      31 अगस्त 2014
67:-हमेशा लंगर का सत्कार करेंगे और लाईन में बैठकर लंगर जरुरत अनुसार ही लेंगे। 31 अगस्त 2014
68:-हर किसी को आदर से बोलेंगे। 'जी’ कहकर  बोलेंगे। 31 अगस्त 2014
69:-दुर्घटना में घायल की यथासम्भव मदद करेंगे। 31 अगस्त 2014
70:-हर सत्संग पर कम से कम 1 या 2 जीवों को राम नाम (गुरुमंत्र) से जोड?े
      का पूरा प्रयास करेंगे। 31 अगस्त 2014
71:-हमेशा सच्चाई का साथ देंगे , किसी भी गलत काम में किसी का साथ नहीं देंगे। 31 अगस्त 2014
72:-विवाह शादी में भद्दे गानों की बजाए पूज्य पिता जी के भजन ही चलाया
      करेंगे। 31 अगस्त 2014
73:-किसी कमजोर व्यक्ति पर कोई जुल्म हो रहा हो तो उसे हर सम्भव रोकेंगे। 31 अगस्त 2014
74:-कभी नैगेटिव नहीं सोचेंगे, नैगेटिव विचार आएंगे तो सिमरन करेंगे। 31 अगस्त 2014
75:-रिश्तों के प्रति हमेशा वफादार रहेंगे। 31 अगस्त 2014
76:-बेटा या बेटी का रिश्ता हमेशा सत्संगियों के परिवार में ही करेंगे। 31 अगस्त 2014
77:-सतगुरु के दर से टूटे हुए जीवों को यथासंभव जोड़ने का प्रयत्न करेंगे।
      31 अगस्त 2014
78:-सुबह-शाम सिमरन के दौरान 5 मिनट प्राणायाम भी अवश्य किया करेंगे।
      31 अगस्त 2014
79:-सेवा लगन से करेंगे और सेवा के दौरान फिजूल की बातचीत करने की
     बजाए सिमरन करेंगे। 31 अगस्त 2014
80:- किसी का दिल नहीं दुखाएंगे और इन्सान बनकर रहेंगे। 31 अक्तूबर 2014 नवम्बर 2014
81:-सत्संग व मजलिस में समय पर आया करेंगे व नाम वाले जीवों  को लाने की पूरी कोशिश करेंगे। 1 नवम्बर 2014
82:-कभी किसी को बुरी नजर से नहीं देखेंगे। 2 नवम्बर 2014
83:-इंटरनैट का दुरूपयोग नहीं करेंगे, अच्छा सीखेंगे, अच्छा करेंगे। 6 नवम्बर 14
84:-सफाई का पूरा ध्यान रखेंगे, सफाई को गहने के रुप में अपनाएंगे। 6 नवम्बर 14
85:-व्यवहार में दीनता नम्रता रखेंगे। 6 नवम्बर 14
86:-कभी व्यर्थ चिंता टेशन नहीं करेंगे, अपने सतगुरु पर दृढ़ विश्वास रखेंगे,
      टेंशन सतगुरु पर छोडेंÞगे। 6 नवम्बर 14
87:-सफर के दौरान,बस या ट्रेन में किसी बुजर्ग, बीमार, विकलांग व महिला के लिए सीट छोड़ेंगे। 8 नवम्बर 14
88:-बेटा-बेटी को एक समान समझेंगे, अच्छे संस्कार देंगे। बेटी को अबला नहीं सबला यानि मजबूत इरादे वाली बनाएंगे। 8 नवम्बर 14
89:-सत्संग, महाअभियान व रुबरु नाइट से वापिस जाते समय जल्दीबाजी नहीं करेंगे। पूज्य पिता जी के वचनों को मानेंगे, नींद के साथ धक्का नहीं करेंगे। 9 नवम्बर 14
90:-सत्संग के दौरान जब तक पूज्य पिता जी बैठे हैं, उठेंगे नहीं। 10 नवम्बर 14
91:-मित्र की गलती पर शाबाशीनहीं देंगे बल्कि प्रेम से गलत को गलत कहेंगे।
92:-बीते समय का पश्चाताप न करके  सिमरन द्वारा आगे से अच्छे कर्म करेंगे।
13 नवम्बर 14
93:-अगर कोई हमें हमारी गलती बताए तो हम गुस्सा नहीं करेंगे बल्कि गलती का सुधार करेंगे। 14 नवम्बर 14
94:-किसी के साथ कोई ऐसा भद्दा मजाक नहीं करेंगे जो खुद के साथ होने पर बुरा लगे। 16 नवम्बर 14
95:-बाईक या गाड़ी चलाते समय मोबाईल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे। गाड़ी दूर साईड में रोककर ही फोन सुनेंगे। 20 नवम्बर 14
96:-किसी नशेड़ी व सतगुरु के दर से दूर हुए लोगों को दोबारा राम-नाम के साथ जोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे और बाद में भी उनकी सम्भाल रखेंगे
      ताकि वे दोबारा बुराईयों में न पड़ें। 20 नवम्बर 14
97:-सफर के दौरान फिजूल बातचीत के बजाए यथासम्भव भजन, सुमिरन व
       मालिक भक्ति की ही चर्चा करेंगे। 20 नवम्बर 14
98:- किसी को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करेंगे,हर किसी के नेक कार्य में मदद करेंगे। 20 नवम्बर 14
99:-आपसी मनमुटाव,लड़ाई झगड़े को आपस में ही बैठकर हल करेंगे। 20 नवम्बर 14
100:-कभी किसी की मजदूरी, सैलरी व किसी का हक नहीं रखेंगे। 21-11-2014
101:-जिस इन्सान के गुनाहों को पूज्य पिताजी माफ कर देते हैं तो हम उनके गुनाहों, बुराईयों को नहीं गाएंगे। उस पर टोंट नहीं कसेंगे। 22-11-2014
102:-किसी के भोलेपन का नाजायज फायदा नहीं उठाएंगे। 23-11-2014
103:-कभी किसी के डराने, धमकाने, दूनियावी पद व कुर्सी जाने या कोई
        आर्थिक नुकसान होने के भय से कभी भी नेकी के मार्ग को नहीं छोड़ेंगे। 28-11-2014
104:-आश्रम व सतगुरु के प्रति दिलोजान से वफादार रहेंगे। 28-11-2014
105:-मां-बाप चाहे कैसे भी हों, कभी बुरा नहीं कहेंगे। हमेशा उनकी इज्जत करेंगे। 28-11-2014
106:-मनमते व बुराई से जुड़े लोगों का संग नहीं करेंगे। 28-11-2014
107:-खुद की मान-बड़ाई की बजाए सतगुरु का ही शुक्राना करेंगे जिन्होंने हमें सद्मार्ग पर चलाया। 28-11-2014
108 घर की बात घर में बैठकर ही सुलझाएंगे, बाहर किसी दोस्त आदि से सांझी नहीं करेंगे।   30-11-2014




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