स्वच्छ इंटरनेट, स्वच्छ हिन्दुस्तान

डेरा सच्चा सौदा की अश्लीलता विरोधी मुहिम को आगे बढ़ाएगा केंद्र,अश्लील वेबसाईटों पर लगाम की तैयारी

                       स्वच्छ इंटरनेट, स्वच्छ हिन्दुस्तान

अभी हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों को पॉर्नोग्राफी की तरफ धकेल रहे इंटरनेट पर बढ़ रही अश्लील वेबसाइटों बाबत केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को पॉर्नोग्राफी वेबसाइट्स, खासकर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी वेबसाइट्स को ब्लॉक करने
के लिए तकनीकी मंत्रालय, कानून मंत्रालय और प्रशासनिक विभाग के बीच तालमेल बैठाकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। सरकार ने भी इंटरनेट को साफ-सुथरा बनाने के लिए अश्लील वेबसाइटों को जड़ से खत्म करने के चुनौतीपूर्ण कार्य की शुरूआत कर दी। मुल्क के विकास में बाधा बने इस नेक व स्वच्छ कार्य को प्रारंभ करने में सरकार ने भले ही देर कर दी हो लेकिन दुनियाभर में मानवता भलाई कार्यों में सिरमौर सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा देश व दुनिया में फैले अश्लीलता के मकड़जाल पर लगाम लगाने हेतू पहले से ही प्रयासरत है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा अश्लीलता विरोधी अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ रूहानियत से जोड़े जाने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां अरसे से रूहानी सत्संगों के माध्यम से लोगों को अश्लीलता से परहेज कर सत्संग, आध्यात्मिक साहित्य व संगीत पढ़ने की प्रेरणा देते आ रहे हैं। परिणामस्वरूप देश व दुनियाभर में अब तक करोड़ों लोगों ने अश्लीलता त्यागने का संकल्प लेकर रूहानीयत व स्वच्छ साहित्य को अपनाया और अपना रहे हैं, यह सिलसिला लगातार जारी है। 
टेलीविजन के साथ-साथ इंटरनेट व मोबाईल आज इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गये हंै। इंटरनेट एक ऐसा महासमुद्र है, जिसमें एक क्लिक पर बहुत कुछ खुल कर सामने आ जाता है। वह जानकारियों का अथाह भंडार है, तो आपत्तिजनक सामग्रियों का भी। लेकिन दुर्भाग्य है कि जिंदगी की खास जरूरत बन चुके इंटरनेट व मोबाइल का आज देश में धड़ल्ले से दुरूपयोग हो रहा है। एक सर्वे में सामने आया है कि 80 प्रतिशत युवा मोबाईल व इंटरनेट का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। हर वक्त फेसबुक व अन्य अश्लील वेबसाईट सर्चिंग की लत ने देश के भावी कर्णधारों का ध्यान पढ़ाई से तो हटाया ही है साथ ही उनमें कंस्ट्रेशन की भी कमी आई है। छोटी उम्र के बच्चों की यौन प्रवृत्ति जाग्रत हो रही है। किशोरों व युवाओं के शारीरिक के साथ-साथ बौद्धिक स्तर में गिरावट आने के साथ-साथ सांस्कृतिक पतन हो रहा है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व दुराचार के मामले भी बढ़े हैं। अब सवाल यह उठता है कि ऐसे हालात से कैसे निपटा जाए? ऐसा क्या किया जाए कि देश के भविष्य इन बच्चों व युवाओं में घर कर चुकी इस दूषित मानसिकता में बदलाव आएं और वे नेक, सभ्य तथा संस्कारवान बनें। मोबाइल व इंटरनेट की लत लगा चुके बच्चों पर अभिभावक किस तरह से नजर रखें? बता रहे हैं संदीप कम्बोज
 
सरसा। समय के साथ-साथ न्यू जेनरेशन भी एडवांस हो गई है। आज इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। मोबाइल पर इंटरनेट प्रयोग करने वालों की तादाद में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में चाहे वे बड़े हों या बच्चे कोई भी इससे अछूता नहीं। बच्चों की बात करें, तो वे पढ़ाई से लेकर गेम तक आॅनलाइन खेल रहे हैं, हालांकि स्कूल के दौरान वे इंटरनेट पर कम समय दे पाते हैं, लेकिन स्कूल के बाद वे कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर चिपक जाते हैं पेरेंट्स भी इसे अच्छा मानते हैं क्योंकि इससे घर पर बच्चों की धमाचौकड़ी बंद हो जाती है। वे यह देखने की जहमत तक नहीं उठाते कि बच्चे कंप्यूटर व मोबाइल पर कर क्या रहे हैं? आज के नवयुवा स्वास्थ्य, परिवार, पढ़ाई और मानसिक विकास में ध्यान लगाने की बजाए अश्लीलता के उस मकड़जाल में उलझे जा रहे हैं जो उन्हें इंटरनेट व मोबाइल पर बहुत ही सस्ती दरों पर उपलब्ध हो रही है। यदि आपका बच्चा भी हर पल मोबाइल में खोया रहता है, अकेले में घंटों-घंटों इंटरनेट का इस्तेमाल करता है तो सावधान हो जाईए। बिना किसी देरी के आज से ही उन पर नजर रखना शुरू कर दीजिए। जो बच्चे इंटरनेट, ई.मेल और चैट सविर्स का इस्तेमाल करते हैं वे कई बार अश्लीलता देख लेते हैं और फिर धीरे-धीरे फंसते चले जाते हैं गंदगी के इस मकड़जाल में। एक सर्वेक्षण के मुताबिक अधिकांश बच्चे 9-10 साल की उम्र तक इससे किसी न किसी सूरत में परिचित हो चुके होते हैं। कई युवा इंटरनेट देखते-देखते गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं। इन अश्लील वेबसाईटों को बनाने वाले हम आपमें ही छुपे भेड़िए हैं जो दिन-रात ज्ञान, मान-सम्मान की गंगा बहाते हैं किन्तु उनके घृणित और सड़े हुए मस्तिष्क इस हद तक गिरे हैं कि युवाओं व बच्चों के भविष्य को चौपट कर करोड़ों-अरबों के वारे न्यारे कर रहे हैं। जिस तरह चीन ने कानून बनाकर सभी किस्म की इंटरनेट पोर्न सामग्री को प्रसारित होने से रोका है और पोर्न के विरुद्ध सफल अभियान छेड़ा है उसी तरह हिन्दूस्तान में भी डेरा सच्चा सौदा द्वारा अश्लीलता विरोधी छेड़े गए अभियान को केंद्र सरकार ने गति दे दी है। अश्लीलता को नियंत्रण करना मुश्किल जरुर है लेकिन असंभव नहीं। हम इसके विरूद्ध युवा पीढी व बच्चों को जागरूक तो कर ही सकते हैं। भारत सरकार पोर्न साइटों को प्रतिबंधित कर पायेगी या नहीं यह तो समय बताएगा लेकिन इतना तो जरुर है है कि पोर्न देश के बच्चों और युवाओं के सांस्कृतिक पतन की निशानी है और इसे बंद किया ही जाना चाहिए।


अश्लीलता रोकने वाला दुनिया का पहला देश चीन
पिछले दिनों ही चीन ने इंटरनेट में अश्लील सामग्री के विरुद्ध एक बड़ा अभियान चलाते हुए 170000 आॅनलाइन प्रकाशनों पर रोक लगा दी थी। ये सभी साइटें इंटरनेट पर पोर्न के अलावा कुछ ऐसी सामग्री परोस रहीं थी जिससे अश्लीलता फैल रही थी। चीन में अब इंटरनेट पर अश्लील तस्वीरों की खोज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक लाख से अधिक शब्दों पर अब कोई परिणाम नहीं आएगा। इसके साथ ही बच्चों की अश्लील तस्वीरों को गैर कानूनी बताने वाला एक संदेश भी दिखाई देगा।



ये हैं अश्लीलता के दुष्प्रभाव
गुप्त रोग, शीघ्रपतन, नपुंसकता, चिड़चिड़ापन, अवसाद, आत्मबल की कमी, आत्महत्या की प्रवृति,आपराधिक प्रवृति


इन आंकड़ों पर भी डालें नजर

दुनिया में 8 करोड़ लोग देखते हैं अश्लीलता, 23 प्रतिशत भारत से
90 लाख इंडियन मोबाइल पर देखते हैं गंदगी
इंटरनेट पर हर वक्त सक्रिय रहते हैं 50 हजार से भी अधिक यौन अपराधी
इंटरनेट पर 30 फीसदी ट्रैफिक अश्लिल साइटों से जुड़ा
कई मिलियन अश्लिल वेबसाइट्स हैं मौजूद
हर सेकंड 30 हजार लोग देखते हैं अश्लिल वेबसाइट्स
9-10 आयु वर्ग के 57 फीसदी बच्चे खोजते हैं अश्लील दृश्य
37 फीसदी लोग ढूंढते हैं शिक्षा और ज्ञान की चीजें
36 फीसदी बच्चे जाने-अनजाने आते हैं गिरफ्त में

 बरतनी होंगी ये सावधानियां

 बच्चों के इंटरनेट पर बैठते समय उन पर नजर रखें
कंप्यूटर ऐसे स्थान पर लगाएं जहां सबकी नजर पड़ती हो
अश्लील साइटों को कंप्यूटर एक्सपर्ट की मदद से ब्लॉक कर दें
 इंटरनेट की हिस्ट्री चेक करें। अक्सर इसमें पता चल जाता है कि बच्चा क्या देख रहा था।
 बच्चे का मोबाइल चेक करते रहें। उसमें गलत एमएमएस नजर आएं या ज्यादातर मेसेज डिलीट मिलें तो कुछ गड़बड़ हो सकती है।
 छुट्टी के दौरान बच्चों को अन्य एक्टिविटी में व्यस्त रखें
 हो सके तो छुट्टी के दौरान कहीं बाहर घूमने जाएं
 बच्चों को दोस्त की तरह ट्रीट करें उनसे हर बात शेयर करें
 कंप्यूटर पर गेम खेलने के साथ ही बच्चों को आउटडोर खेलने दें,उन्हें फोटोशॉप या पेंट आदि सिखाएं।
बच्चे को उसकी उम्र के मुताबिक जानकारी जरूर दें। लड़की है तो मां, अगर मां से संकोच करती है तो भाभी,चाची,मोसी या कोई थी परिचित और इसी तरह लड़कों को पिता, चाचा, बड़ा भाई या कोई भी परिचित जिससे वे खुलकर बात कर लेते हैं।



इस तरह ब्लॉक हो जाएंगी अश्लील वेबसाइट्स

इंटरनेट पर मौजूद अश्लीलता के भंवरजाल से उन्हें बहुत आसानी से बचाया जा सकता है। वह भी  सिर्फ पांच मिनट देकर। बस, इतने ही समय में आप अपने घर, दफ्तर, कारोबार, स्कूल-कॉलेज आदि के कंप्यूटरों को आपत्तिजनक वेबसाइटों से सुरक्षित बना सकते हैं। वह भी मुफ्त। इनमें आॅनलाईलन फैमली नोरटरोन, गूगल फैमली सेफ्टी सेंटर,एंटी पोर्न फिल्टर, एवीजी फेमली सेफ्टी आदि।  इसके लिए जरूरत है कंप्यूटर में दिखने वाली वेब सामग्री को फिल्टर करने की, यानी उसकी छंटाई की। आपके ब्राउजर में सिर्फ वही वेबसाइट्स दिखाई दें, जो सुरक्षित और शालीन हों।
इसके लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बाजार में उपलब्ध हैं। आपको खुशी होगी कि आप अपने कंप्यूटर को बिना कोई खर्च किये आपत्तिजनक सामग्री के हमले से बचा सकते हैं और यह तकनीकी रूप से भी इतना जटिल नहीं कि आपको उलझन महसूस हो। ऐसा ही एक आसान उपाय है, डीएनएस (ऊठर) सर्वर आधारित वेब फिल्टरिंग का।
ओपनडीएनएस (डस्रील्लऊठर.ूङ्मे) दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय इंटरनेट फिल्टरिंग डीएनएस सर्वर है, जिसका इस्तेमाल पांच करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूजर करते हैं। च्फैमिली शील्डज् नामक इसकी आॅनलाइन सर्विस (डस्रील्लऊठर ऋें्र’८ रँ्री’)ि है, जो पूरी तरह मुफ्त है।



कैसे इस्तेमाल करें ओपनडीएनएस
डस्रील्लऊठर को सक्रिय करने के लिए यह प्रक्रिया अपनाएं:
वेबसाइट पर डस्रील्लल्लि२.ूङ्मे पर जाएं और होमपेज पर दिए  ऋें्र’८ रँ्री’ िलिंक पर बन र्रॅल्ल वस्र ठङ्म६  िलिंक पर क्लिक करें। यहां आपसे अकाउंट बनाने को कहा जाएगा, बना लें। हालांकि बिना अकाउंट के भी इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
 अब डस्रील्लऊठर सर्वर का प्रयोग करने के लिए पसंदीदा तरीके का चुनाव करें- नेटवर्क राउटर या कंप्यूटर।
 यदि आप नेटवर्क राउटर पर क्लिक करते हैं तो अगले पन्ने पर कई राउटर हार्डवेयर के नाम और चित्र दिखाई देंगे। अपने इंटरनेट कनेक्शन में इस्तेमाल हार्डवेयर पर क्लिक करें। ऊ’्रल्ल‘, छ्रल्ल‘र८२, े८७ी’  जैसे नाम सुपरिचित प्रतीत होंगे।
 अब अपने राउटर के मॉडल नंबर पर क्लिक करें। यहां आपको अपने राउटर में की जाने वाली सेटिंग्स की जानकारी दिखाई देगी। आपके लिए महत्वपूर्ण सिर्फ दो खास किस्म की संख्याएं (आईपी एड्रेस) हैं। ये हैं- 208.67.222.123 और 208.67.220.123 इन्हें किसी कागज या कंप्यूटर फाइल में नोट कर लें।

राउटर में
- अपने इंटरनेट राउटर का एडमिनिस्ट्रेशन पेज खोलें। प्राय: यह वेब ब्राउजर (इंटरनेट एक्सप्लोरर आदि) में इनमें से कोई एक आईपी एड्रेस लिखने पर खुलता है- 192.168.0.1 या 192.168.1.1
  एल्ल३ी१ बटन या माउस क्लिक के बाद खुलने वाले पेज में आपसे इंटरनेट राउटर का यूजरनेम और पासवर्ड पूछा जाएगा। प्राय: यूजरनेम अे्रिल्ल और पासवर्ड अे्रिल्ल या ढं२२६ङ्म१ िफिर खाली स्पेस होता है। यदि इनमें से कोई भी यूजरनेम पासवर्ड काम नहीं कर रहा है तो अपने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (बीएसएनएल, एमटीएनएल आदि) के कस्टमर केयर पर फोन कर पूछ लें।
अब खुलने वाले पेज में हअठ संबंधी टैब पर क्लिक करें। नए पेज में कहीं पर ऊठर री१५ी१ लिखा दिखाई देगा। वहां ढ१्रें१८ ऊठर री१५ी१ के सामने बॉक्स में 208.67.222.123 और री रीूङ्मल्लंि१८ ऊठर री१५ी१के सामने 208.67.220.123 लिख दें।
 अब अपनी सेटिंग्स में किए गए इस बदलाव को सहेजने के लिए अस्रस्र’८ या ऋऋ रं५ी री३३्रल्लॅ२ बटन (जो भी मौजूद हो) दबाएं और इंटरनेट ब्राउजर को बंद कर दें। साथ में राउटर को भी आॅफ-आॅन कर लें।
 अब आपका इंटरनेट कनेक्शन अश्लील या आपत्तिजनक कंटेंट से पूरी तरह आजाद हो गया है।
 अब अपने ब्राउजर में किसी अश्लील वेबसाइट को खोलने का प्रयास करें। साइट नहीं खुलेगी और यह संदेश दिखाई देगा कि इस आपत्तिजनक वेबपेज को  डस्रील्लऊठर  ने ब्लॉक कर दिया है।
 
क्या है डीएनएस सर्वर
जब ब्राउजर में किसी वेब का पता (जैसे ६६६.२ंूँ‘ंँङ्मङ्मल्ल.ूङ्मे ) लिखते हैं तो उसके भीतर एक प्रक्रिया चलती है। आपका ब्राउजर भीतर ही भीतर एक खास इंटरनेट सर्वर को संदेश भेजकर पूछता है कि यह पेज दिखाने के लिए उसे इंटरनेट पर किस स्थान पर जाना होगा। सर्वर उसे इस गंतव्य का तकनीकी पता (आईपी एड्रेस) बताता है और ब्राउजर उस पते पर मौजूद वेब पेज को खोल देता है। ब्राउजर को यह जानकारी देने वाला सर्वर ऊठर सर्वर या डोमेन नेम सर्वर कहलाता है। इंटरनेट पर बहुत सारे ऊठर सर्वर मौजूद हैं, जिन पर सभी वेबसाइट्स के नाम और उनके आईपी एड्रेस का ब्यौरा मौजूद है।  

बच्चों की फेसबुक आईडी पर इस तरह रखें निगरानी
फेसबुक पर अश्लील मैसेज भेजने, उनके फोटो का दुरुपयोग करने जैसी घटनाएं खूब हो रही हैं। फेसबुक ने गलत तत्वों से बचने की जानकारी देने के लिए एक खास एप्लिकेशन तैयार किया है। इसे 'पैनिक बटन' कहते हैं। बच्चों से कहें कि ंस्रस्र२.ांूीुङ्मङ्म‘.ूङ्मे/ू’्रू‘ूीङ्मस्र/ पर जाकर अपनी सेफ्टी के लिहाज से जरूरी बातें जानें। इसका इस्तेमाल गलत तत्वों की शिकायत करने के लिए भी किया जा सकता है। प्राइवेसी संबंधी सेटिंग्स के लिए ऊपर दिए अूूङ्म४ल्ल३ लिंक को दबाकर  ढ१्र५ंू८ री३३्रल्लॅ२  लिंक दबाएं। अब जो पेज खुलेगा, उसमें पहला लिंक उङ्मल्लल्लीू३्रल्लॅ डल्ल ऋंूीुङ्मङ्म‘  है। यहां पर आप यह तय कर सकते हैं कि बच्चे को सिर्फ वही लोग संपर्क या मेसेज भेज पाएं, जिन्हें वह पहले से जानता है।
अगर बच्चा फेसबुक का मेंबर हैं और कुछ दिनों से आपको उसकी गतिविधियां सही नहीं लग रही हैं और वह आपसे बातें छिपा रहा हो तो आप अपने कंप्यूटर में फेसबुक वेबसाइट को ही ब्लॉक कर सकते हैं। बच्चे के फेसबुक अकाउंट को डिलीट भी कर सकते हैं।
 वैसे तो कंप्यूटर में फेसबुक या किसी दूसरी वेबसाइट को ब्लॉक करने की व्यवस्था ब्राउजर की सिक्युरिटी सेटिंग्स में होती है। लेकिन आजकल बच्चे स्मार्ट हो गए हैं और वे ब्राउजर की सेटिंग को फिर से बदल सकते हैं। ऐसे में एक छोटे-से फ्री सॉफ्टवेयर 'एनी वेबलॉक' का इस्तेमाल बेहतर होगा। इसे ंल्ल८४३्र’२.ूङ्मे/ंल्ल८६ीु’ङ्मू‘.स्रँस्र से डाउनलोड करें। इंस्टॉल होने के बाद यह पहले आपसे एक पासवर्ड देने के लिए कहता है। उसके बाद अिि बटन दबाएं और ब्लॉक की जाने वाली वेबसाइट के नाम की जगह पर ६६६.ांूीुङ्मङ्म‘.ूङ्मे लिखें। बच्चा चाहकर भी इसे बदल नहीं सकता क्योंकि पासवर्ड की जानकारी सिर्फ आपको है।


अच्छे संस्कार व रूहानियत ही बचाव

घोर कलयुग में काम वासना चरम पर है। आॅनलाईन अश्लीलता से भी सैक्सूअल एडिक्शन बढा है। वर्तमान जनरेशन सही-गलत का फर्क अच्छी तरह से समझती है। इसलिए अच्छे संस्कार व रूहानीयत के अलावा इससे बचने का कोई रास्ता नहीं। इस पर काबू पाने का एकमात्र उपाय आत्मबल को मजबूत करना है जिसका टॉनिक संत बताते हैं। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां रूहानी सत्संगों के दौरान जो  मैथड आफ मेडीटेशन प्रदान करते हैं, उसके लगातार अभ्यास से ही आत्मबल मजबूत होगा और बुराईयों रूपी मकड़जाल से निजात पाई जा सकती है।

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