हरमन भाएगा हरदड़ा ..............संदीप कम्बोज


मुकाबले। पुरातन व ग्रामीण खेलों को जीवंत कर गई शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग की राष्टÑीय खेल प्रतियोगिता

                                       हरमन भाएगा हरदड़ा

रोमांचक मुकाबलों ने खूब बांधा समां
खूब भाई रूमाल उठाओ व लंगड़ा शेर प्रतियोगिताएं
तालियों से गूंजता रहा मैदान

संदीप कम्बोज
सरसा। डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना दिस के उपलक्ष्य में अयोजित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग की राष्टÑीय खेल प्रतियोगिताएं लुप्त होते जा रहे पुरातन व ग्रामीण खेलों को फिर से जीवंत कर गई। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने गुलस्टिक के बाद अब एक और पुरातन देहाती खेल हरदड़ा (खुद्दू) को आधुनिक रूप देकर देश व दुनिया को समर्पित किया है। एसएमजी खेल परिसर में आयोजित दो दिवसीय खेल मुकाबलों के दौरान सबसे अधिक रोमांचकारी गेम हरदड़ा ही रहा। मैदान में मौजूद हर दर्शक को यह खेल बेहद ही पसंद आया तथा प्रतियोगिता के दौरान मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। खिलाड़ी भी इसे बड़ी दिलचस्पी के साथ खेल रहे थे। इसके अलावा गुलस्टिक प्रतिस्पर्धाएं भी दर्शकों को खूब भा रही थी। रूमाल उठाओ व लंगड़ा शेर जैसे पुराने खेलों ने भी दर्शकों को खूब गुदगुदाया। रस्साकशी प्रतिस्पर्धा के दौरान भी दर्शकों का जोश देखते ही बन रहा था।
 कुल 9 खिलाड़ियों वाले हरदड़ा (खुद्दू) में 7 खेल में हिस्सा लेते हैं तो दो खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं। खेल मैदान दोनों तरफ 50-50 मीटर तक होता है। यह टॉस जीतने वाली टीम पर डीपैंड करता है कि वह पहले मार लेगी या साईड। दोनों टीमों का एक-एक खिलाड़ी अपनी साईड 10 मीटर लाईन पर खड़ा रहेगा।
खिलाड़ी 10 मीटर लाईन से बॉल के द्वारा बीच में बने हुए प्वार्इंट पर मार करेगा। यदि वह खिलाड़ी बॉल से प्वार्इंट को गिरा देता है तो उसे चार अंक मिलते हैं और विरोधी खिलाड़ी आऊट हो जाएगा। प्वार्इंट को गिराने वाले खिलाड़ी को बोेनस के तौर पर तीन मौके सेंटर सर्कल से बॉल को उछालते हुए मारकर विरोधी खिलाड़ियों के मैदान में बने 30मी., 40मी. व 50मी. लाईनों को पार करकेअंक लेने की कोशिश करेगा। विरोधी खिलाड़ी मारी गई बॉल को कैच करेंगे। बॉल के 30 मीटर पार करने पर एक अंक दिया जाएगा, 40 मीटर पार करने पर 3 अंक तो 50 मीटर पार करने पर 5 अंक दिए जाते हैं और बॉल कैच होने पर खिलाड़ी आऊट माना जाता है।
अगर जिस मौके में बॉल कैच हो जाती है तो बाकी के मौके नहीं दिए जाएंगे। आऊट होने वाले खिलाड़ी की टीम का अगला खिलाड़ी अपनी बारी लेता है तथा इस तरह से यह क्रम चलता रहता है। किसी भी टीम के सात खिलाड़ी आऊट होने पर अंक देखे जाएंगे और उस समय जो टीम उस समय अधिक अंक बनाएगी वही विजेता मानी जाएगी।
 
ये है रूमाल उठाओ प्रतियोगिता
रूमाल उठाओ प्रतियोगिता भी एक रोमांचकारी गेम है। इस खेल में प्रत्येक टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से सात खेलेंगे व 2 खिलाड़ी अतिरिक्त रहेंगे। खेल मैदान की लंबाई 15-15=30 मीटर व बीच मेंं एक सर्कल जिसमें खिलाड़ी रूमाल की रक्षा करता है।
मैच का समय 10-2-10 मिनट होता है।
सभी खिलाड़ियों के  चैस्ट नंबर अंकित होना अनिवार्य है।
अम्पायर के नंबर बोलने पर दोनों टीमों के उसी नंबर के खिलाड़ियों को रूमाल उठाने के लिए आना होता है।
बीच में बने सर्कल पर आने पर दोनों खिलाड़ी चारों तरफ घूमते रहेंगे।
दूसरी टीम के खिलाड़ी को धोखा देकर जो खिलाड़ी रूमाल उठाकर 15 महीटर तक बनी लाईन को दूसरी टीम के खिलाड़ी के बिना छुए पार कर जाएगा उसे एक अंक मिलेगा।
अगर रूमाल उठाकर भागने वाले खिलाड़ी को उसकी लाईन क्रोस करने से पहले विरोद्धी खिलाड़ी छू लेता है तो उसे अंक दे दिया जाता है।


क्या है शेर बकरी खेल
एक टीम में नौ खिलाड़ियों वाला यह खेल 10 मीटर के सर्कल के अंदर खेला जाता है। एक टीम के सारे खिलाड़ी सर्कल के अंदर रहेंगे व दूसरी टीम के एक खिलाड़ी लंगड़ा शेर (एक टांग के सहारे) बनकर सर्कल के अंदर पहली टीम के खिलाड़ियों को पकड़ता है। खेल का समय 3-3 & 3-3 है। पूरी टीम 3 मिनट में जितने खिलाड़ियों को पकड़ेंगे उतने ही अंक टीम के खाते में जमा हो जाएंगे। प्रत्येक टीम को 3+3=6 मिनट पकड़ने के तथा 6 मिनट दौड़ने हेतू दिए जाते हैं। लंगड़ा शेर बना खिलाड़ी  दूसरे पैर को जमीन पर नहीं रख सकता, यदि वो ऐसा करता है तो  उसे फाऊल मानकर आऊट कर दिया जाता है। बकरी बनी टीम का खिलाड़ी खेल के दौरान ख्दि सर्कल की लाईन को टच करता है या फिर सर्कल से बाहर चला जाता है तो उसे आऊट मानते हुए विरोधी टीम के खाते में एक अंक जमा कर दिया जाता है। अगर शेर बना खिलाड़ी आऊट हो जाता है तो उसी टीम का दूसरा खिलाड़ी सर्कल में आऊट हुए खिलाड़ी से हाथ से हाथ मिलाकर प्रवेश करेगा। जो बकरियां आऊट होती जाएंगी वे अपने बने बॉक्स में जाकर बैठती जाएंगी। खास बात यह कि यदि सारी बकरियां तीन मिनट में आऊट हो जाती हैं तो विरोधी टीम को सात बोनस अंक दिए जाएंगे तथा दोबारा बकरी टीम को सर्कल के अंदर किया जाएगा।


जरा गुलस्टीक के बारे में भी जान लें

पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा


पहला सर्कल 20 तो चौथा 50 गज का

पहला सर्कल (अंदरूनी घेरा) सेंटर से 20 गज का होगा। दूसरा सर्कल सेंटर से 30 गज, तीसरा सर्कल सेंटर से 40 गज व चौथा सर्कल सेंटर से 50 गज का होगा। जी.एस. एरिया का साईज 20 गज का होगा। गुल अगर लुढ़क कर 30 गज वाला सर्कल पार करेगा तो 4 रश अगर ऊपर से जाएगा तो 6 रश मिलेंगे। गुल अगर 40 गज का दायरा पार करे तो 8 रश और 50 गज का दायरा पार करे तो 10 रश मिलेंगे। ले पोल के पीछे एक गुल कीपर होगा।


चार मिनट का एक पैक
एक गुल्लर दो पैक ही कर सकता है और एक पैक डालने का समय 4 मिनट है। अंदरूनी घेरे में दो गुल सेवर रहेंगे। बाकी खिलाड़ी भी खेलते समय अंदर वाले घेरे में जा सकते हैं। जब स्टीकर (योद्धा), हिट लगा रहा है, उस समय अंदरुनी घेरे वाले गुल सेवर की जगह बदल कर उनको कहीं भी खड़ा कर सकते हैं। अंदरुनी घेरे से बाहर खड़े खिलाड़ी अपनी साईड नहीं बदलेंगे।

तीसरे डिसाईटर की भी सुविधा
गुल कीपर का हेलमेट पहनना अनिवार्य है व सभी खिलाड़ियों के लिए जूते पहनना अनिवार्य है। गुल्लर, गुलिंग घूम कर क्लोक वाईज या एंटी क्लोक वाईज कर सकता है। पूरी रफ्तार, धीमी रफ्तार या स्लो स्पिन गुलिंग कर सकता है। अगर एंटी क्लोक वाईज करनी है तो पहले डिसाईडर (एम्पायर) को बताना होगा। डिसाईटर दो होंगे और तीसरे डिसाईटर की भी सुविधा होगी। इसके अलावा आऊटगुल और नो गुल भी होगी। कमर से ऊपर अगर कोर्ठ गुल होता है तो वो नोगुल होगी। नोगुल पर गोल्ड हिट मिलेगी।
 

इजाद किए गए गुलस्टिक खेल का प्रत्येक मैच 10 पैक(ओवर) का होता है व एक पैक में 5 बार गुल फैंकी जाती है। प्रत्येक टीम मेें 9-9 खिलाड़ी होते हैं तथा एक टाईम में दो ही खेलेंगे। दो ले-पोल होंगी। दोनों तरफ (विकेट के तरह) एक-एक ले-पोल पड़ी रहेगी। अगर गुल जाकर ले पोल पर लगता है तो स्टीकर (योद्धा) आऊट हो जाएगा। ले पोल के सामने खड़े स्टीकर (योद्धा) के पैर पर अगर गुल लग जाता है तो एफ बीएसएफ (फुट स्टीक बीफोर) हो जाएगा। इस खेल में इट आऊट के साथ-साथ रश आऊट व ले पोल आऊट भी हंै। रश थ्रो पर शन ले सकते हैं।
तीसरी वाईड पर दो गुल
गोल्ड हिट पर स्टीकर (योद्धा) अपनी मर्जी से कोण बनाकर गुल को हिट कर सकता है।अगर कोई गुल्लर दो वाईट से ज्यादा गुल करता है तो तीसरी वाईड गुल पर एक की बजाए दो रश दिये जाएंगे। स्टीकर (योद्धा) के लिए जी. एरिया अंडाकर शेप में होगा। हिट लेने वाले खिलाड़ी (योद्धा) का दूसरा योद्धा फ्री हिट के समय गुल को हिट लगते ही दौड़ कर कितने भी रश अकेले ही ले सकता है और वो किसी भी साईड से रश आऊट हो सकता है। हिट करते समय विरोद्धी  टीम का खिलाड़ी 5 गज की दूरी पर रहेगा। एस स्टीक को स्टीकर (योद्धा) अपने पास ही रखेगा उसे नीचे नहीं रखना।


डेढ़ मिनट से लेट हुए तो पलंटी
अगर कोई टीम दिये गये समय में अपने पैक पूरे नहीं करती तो विरोधी टीम के रशों में पैक की एवरेज निकालकर 15 प्रतिशत जोड़ दिया जाएगा। फ्री हिट के समय 20 गज के घेरे में खड़े हुए कीपर व सेवर (खिलाड़ी) अपनी जगह बदल सकते हैं, परंतु अन्य घेरों में खड़े सेवर अगर अपना स्थान बदलते हैं तो योद्धा को गोल्डन हिट दी जाएगी। 3 योद्धा टीम बैंच पर पूरी तरह से तैयार रहेंगे अगर योद्धा के आऊट होने पर दूसरा योद्धा एक से डेढ़ मिनट में खेलने के लिए नहीं पहुंचता तो उस टीम को पलंटी लगेगी।




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