आस्था का समंदर




पावन भंडारा। डेरा सच्चा सौदा का 67वां रूहानी स्थापना दिवस व ‘जाम-ए-इन्सां गुरू का’ की आठवीं वर्षगांठ
‘अति गरीब’ मुहिम के तहत आठ युवतियों की शादियां संपन्न
‘नई सुबह’ के तहत चार तलाकश्ुादा महिलाओं को मिले हमसफर
‘जीवन आशा’ मुहिम के विवाह बंधन में बंधी एक विधवा 

संदीप कम्बोज/सिरसा। सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के 67वां रूहानी स्थापना दिवस व ‘जाम-ए-इन्सां गुरू का’ की आठवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शाह सतनाम जी धाम में आयोजित पावन भंडारे के मौके पर शाह सतनाम जी धाम में चहुंओर आस्था का समंदर हिलोरें मारता हुआ दिखाई दे रहा था। पावन भंडारे पर देश विदेश से लाखों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पावन रूहानी स्थापना दिवस पूरे जोश,जुनून व हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस दौरान पूज्य गुरु संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने समस्त साध-संगतको पावन रूहानी स्थापना दिवस की मुबारकबाद देते हुए अपने पावन आर्शिवाद से नवाजा तथा मानवता भलाई कार्यों में अग्रणी रहने वाले ब्लाकों के सेवादारों व शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों को ट्राफियां प्रदान कर सम्मानित किया। सत्संग के दौरान एशिया बुक आॅफ रिकार्ड व इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड के प्रतिनिधियों ने एमएसजी द मैसेंजर फिल्म के नाम बने 4 विश्व  कीर्तिमानों के सर्टीफिकेटों व मोमेंटो को पूज्य गुरुजी को भेंट किया। इस पावन अवसर पर पूज्य गुरुजी ने डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों में तीन और नए कार्यों को सम्मलित किया। श्रद्धालुओं को सर्व धर्म संभव के प्रतीक चार तरह का प्रसाद तथा खजाने वाला सिक्का भी वितरित किया गया। पावन भंडारे के  दौरान ‘अति गरीब’ मुहिम के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर आठ युवतियों की शादियां कराई गई। इसके अलावा ‘जीवन आशा’ मुहिम के तहत एक विधवा तो ‘नई सुबह’ मुहिम के तहत चार तलाकश्ुादा महिलाओं को हमसफर के रूप में भक्तयोद्धा मिले तथा उनकी जिंदगी में नया उजाला आया। इस दौरान एक शादि ‘कुल का क्राऊन’ मुहिम के तहत व आदिवासी परिवारों की भी तीन शादियां संपन्न हुई। पूज्य गुरुजी ने सभी नवविवाहित जोड़ों को अपनी नेक व कड़ी मेहनत की कमाई में से 25-25 हजार रुपए के चैक टॉकन आॅफ लव के रूप में दिए। इस अवसर पर पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि आज का दिन, वो दिन है, जिस जिस दिन शाह मस्ताना जी दाता-रहबर ने सच्चे सौदे की नींव रखी। वो दिन, जिसकी वजह से आज करोड़ों लोग नशा, बुराइयां छोड़कर नर्क से स्वर्ग में प्रवेश कर रहे हैं। तो बेपरवाह मस्ताना जी महाराज के ही इस महा-परोपकार के लिए कोई भी शब्द इस्तेमाल में लाएं, वो बहुत बौना, छोटा लगता है। लेकिन फिर भी जितनी शब्दों की शक्ति है, उसके अनुसार इस महान परोपकार के लिए आप सबको उस मुर्शिदे-कामिल शाह मस्ताना जी महाराज से बहुत खुशियां मिलें और आपको ये दिन बहुत-बहुत मुबारक हो। आप जी ने फरमाया कि शाह मस्ताना, शाह सतनाम जी दाता-रहबर का एक और परोपकार है ‘रूहानी जाम’ जाम-ए-इन्सां। रूहानी जाम पीने से पता नहीं कितने ही बीमार लोग ठीक हुए हैं, जिसको पीने से आनन्दमय जीवन की शुरुआत बड़ी जल्दी हो गई, जिसको पीने से बरकातों को ढेर लग गए, जिसको पीने से समाज में जबरदस्त बदलाव आया, उस रूहानी जाम की वर्षगांठ पे भी आपको बहुत-बहुत मुबारकबाद।



एक ओर बेटी बनी ‘कुल का क्राऊन’
बारात लेकर आई दुल्हन दूल्हे को ब्याह ले गई अपने घर
संदीप कम्बोज/सिरसा। बेटियां भी बेटों से किसी स्तर पर कमतर नहीं। यह साबित कर दिखाया है मानवता भलाई कें पुंज सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा ने। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई गई ‘कुल का क्रॉउन’ मुहिम के तहत अब बेटियों से भी वंश चलने लगा है तथा यह मुहिम अब तक अनेक घरों में खुशियों की सौगात लेकर आई है। पावन भंडारे के अवसर पर इसी मुहिम के तहत एक और बेटी कुल का क्राऊन बनी। वह पूरे गाजे-बाजे के साथ बारात लेकर आई तथा दूल्हे को ब्याह कर अपने घर ले गई। इस रीत के अनुसार लड़का ससुराल में रहकर सास-ससुर की माता-पिता के समान सेवा करेगा और उस कुल का नाम बेटी के नाम से चलेगा। बुधवार को दिल्ली के बदरपुर निवासी शम्मी इन्सां की इकलौती बेटी कुल का क्राऊन ममता इन्सां ने जींद के जुलहारा निवासी भक्त मर्द गाजी(पूज्य गुरू जी द्वारा दिया गया खिताब) राजेश इन्सां पुत्र सर्व. चंद्रभान के साथ विवाह रचाकर समाज के समक्ष एक नई मिसाल पेश









एक साथ चार धर्मों का प्रसाद
पावन भंडारे के अवसर पर श्रद्धालुओं में सर्वधर्म सद्भाव के प्रतीक चार तरह का प्रसाद जिसमें बूंदी, पतासे, छुआरे व बर्फी शामिल थी, बांटा गया तथा खजाने का सिक्का बांटा गया। की। पूज्य गुरू जी ने इस नवविवाहित जोड़े को अपने पावन आर्शिवाद से नवाजा तथा 25 हजार का चेक प्रदान किया।

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